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Last Updated :मुंबई , गुरुवार, 17 मार्च 2016 (12:22 IST)

रद्द हो 'भारत माता की जय' न बोलने वालों की नागरिकता : शिवसेना

रद्द हो 'भारत माता की जय' न बोलने वालों की नागरिकता : शिवसेना - Shiv Sena Slams Owaisi, Demands Cancellation of His Indian Citizenship
मुंबई। 'भारतमाता की जय' बोलने से इंकार करने वाले एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि जो लोग यह नारा लगाने से इंकार करते हैं, उनकी नागरिकता और मताधिकार छीन लेने चाहिए।
 
शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से यह भी जानना चाहा कि भारत-समर्थक नारे लगाने से मना करने के बाद ओवैसी को राज्य से जाने कैसे दिया गया?
 
ज्ञात हो कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों एक सुझाव देते हुए कहा था कि नई पीढ़ी को भारतमाता के सम्मान में नारे लगाना सिखाए जाने की जरूरत है। इस सुझाव की पृष्ठभूमि में ओवैसी ने हाल ही में लातूर की उदगिर तहसील में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि 'मैं वह नारा नहीं लगाऊंगा। आप क्या करेंगे, भागवत साहब?'
 
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में बेहद तीखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि हार्दिक पटेल ने गलती से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर दिया था और उस पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया... वह अब भी जेल में है। क्या भारतमाता का अपमान करके असदुद्दीन ओवैसी ने भी देशद्रोह नहीं किया है? जो लोग 'भारतमाता की जय' नहीं कहते हैं, उनकी नागरिकता और मताधिकार छीन लिए जाने चाहिए। 
अगले पन्ने पर... फडणवीस को देना होगा इस बात का जवाब...

संपादकीय में कहा गया, 'राज्य में मुख्यमंत्री भाजपा के हैं। उन्हें यह जवाब देना होगा कि देश का अपमान करने के बाद ओवैसी को लातूर से जाने कैसे दिया गया?' शिवसेना ने एमआईएम के नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी जैसे लोगों के विचारों के कारण ही मुस्लिम समुदाय अब तक ‘पिछड़ा’ है।
 
हालांकि एमपीसीसी के प्रवक्ता अल-नसीर जकारिया ने आरोप लगाया कि शिवसेना सिर्फ पाखंड की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, 'पाखंड की हद है। एक ओर शिवसेना दूसरों को देशभक्ति के पाठ पढ़ाती है और दूसरी ओर वह अपने शासन वाले बृहन्मुंबई नगर निगम में व्यापक भ्रष्टाचार में लिप्त रहती है। विभिन्न कार्यों के ठेके देने में सैकड़ों करोड़ रूपए की अनियमितताएं बरती गईं।'
 
जकारिया ने कहा, 'उन्हें यह समझना चाहिए कि उन्हें तभी गंभीरता से लिया जाएगा..यहां तक कि उनके अपने सहयोगी भाजपा द्वारा भी उन्हें तभी गंभीरता से लिया जाएगा, जब वह खुद बेदाग निकलकर आएंगे। सिर्फ नारे लगाने से वे राष्ट्रवादी नहीं बन जाएंगे।'
 
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि हर कोई आरएसएस और भाजपा के विचारों से सहमत नहीं हो सकता।
 
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा ‘भारत माता’ को एक ‘देवी’ के रूप में पेश कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सभी नारे लगाएंगे। हर कोई शायद ऐसा करना न चाहे लेकिन किसी को भी भारत माता के सम्मान से गुरेज नहीं होगा।
 
उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे पहले अपना रूख इस बात को लेकर स्पष्ट करना चाहिए कि वास्तव में वे सभी भारतीयों से किसकी प्रशंसा करवाना चाहते हैं और इसके बाद उन्हें दूसरों को देशभक्ति के प्रमाणपत्र बांटने चाहिए। (भाषा)