प्रतिभूति घोटाला मामले के दोषियों को कैद
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने 1992 में प्रतिभूति घोटाला मामले में ब्रोकर हितेन दलाल तथा केनरा बैंक म्यूचुअल फंड के पूर्व महाप्रबंधक बीआर आचार्य को 1-1 साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने 3 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
न्यायाधीश रोशन दलवी की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत ने मंगलवार को दोनों को दोषी ठहराया और कहा कि मामला आर्थिक अपराध तथा सरकारी खजाने को वित्तीय नुकसान से जुड़ा है। हालांकि न्यायाधीश ने सबूतों के अभाव में एक ब्रोकर तथा बैंक के 4 अधिकारियों को बरी कर दिया।
अदालत ने निर्देश दिया कि दलाल को हिरासत में लिया जा सकता है। वह प्रतिभूति घोटाले के एक अन्य मामले में पहले से जेल की सजा काट रहा है। सीबीआई ने कहा था कि दलाल, आचार्य तथा अन्य ने शेयरों के लेन-देन में गड़बड़ी की जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
आचार्य को आपराधिक विश्वास हनन में शामिल होने तथा लोक सेवक के रूप में पद का दुरुपयोग करने जबकि दलाल को शेयर के रूप में चुराई गई संपत्ति प्राप्त करने का दोषीय ठहराया गया। सीबीआई के अनुसार केनरा बैंक म्युचुअल फंड द्वारा खरीदे गए 10,000 शेयर गायब पाए गए। करीब 9,100 वही शेयर दलाल ने बैंक से खरीदे। इसमें आचार्य की भूमिका थी।
अदालत ने आचार्य को 33 लाख रुपए 1991 में लेन-देन की तारीख से 18 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ देने को कहा। इसी प्रकार दलाल को 32 लाख रुपए 1992 से 18 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ देने को कहा गया है।
सजा सुनाए जाने से पहले आचार्य ने अदालत से नरमी बरते जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वह एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति हैं और साथ ही उनका बेटा नेत्रहीन है। दलाल ने कहा कि वे प्रतिभूति घोटाले के एक अन्य मामले में पहले से जेल में हैं। हालांकि अदालत ने कहा कि दोनों ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया और उन्हें मुआवजा देकर नुकसान सहना होगा। (भाषा)