सुनील जैन
बिछुड़ना न उसकी ख्वाहिश थी न मेरी आरजू,
जरा सी जिद ने इस आंगन को बांट दिया।।
ज़रा-सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए,
दिए से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है।।
साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इन लाइनों और उर्दू के संवेदनशील शायर मुनव्वर राना को उनके कविता संग्रह 'शाहबादा' और हिंदी के जाने माने साहित्यकार रमेशचन्द्र शाह को उनके उपन्यास 'विनायक' को आज प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा नई दिल्ली में की। इसके साथ ही जयंत विष्णु नारळीकर को मराठी में लिखी उनकी आत्मकथा के लिए भी साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा।
इन पुरस्कारों को मिलाकर साहित्य अकादमी ने आज 22 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। पुरस्कारों का चयन 22 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा किया गया। साहित्य अकादमीके अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक ताम्रफलक और एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाती है। अकादमी के सचिव के. निवासराव के अनुसार पुरस्कार 1 जनवरी 2010 से 31 दिसम्बर 2012 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है। घोषित पुरस्कार अगले वर्ष 9 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान दिए जाएंगे।
इस अवधि के लिए पुरस्कार आठ कविता-संग्रह, पाँच उपन्यास, तीन निबंध संग्रह, तीन कहानी संग्रह, एक आत्मकथा, एक नाटक, एक समालोचना के लिए दिए गए। हिन्दी के लिए यह पुरस्कार वरिष्ठ कथाकार, कवि, निबंधकार और चिंतक डॉ. रमेशचन्द्र शाह को देने की घोषणा की गई है। शाह की 75 से अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
कविता-संग्रहों के लिए पुरस्कृत आठ कवि हैं : उत्पल कुमार बसु (बांग्ला),उर्खाव गोरा ब्रह्म (बोडो), आदिल जस्सावाला (अंग्रेजी) शाद रमज़ान (कश्मीरी), गोपालकृष्ण रथ (ओड़िया), जसविन्दर (पंजाबी), गोपे कमल (सिंधी), मुनव्वर राना (उर्दू), शैलेन्द्र सिंह (डोगरी), रमेशचन्द्र शाह (हिन्दी), आशा मिश्र (मैथिली), सुभाष चन्द्रन ,(मलयालम) पूमणि (तमिल) को उनके उपन्यास के लिए पुरस्कृत किया गया। स्व. अश्विन मेहता (गुजराती) जीएच नायक (कन्नड) और माधवी सरदेसायी (कोंकणी) को उनके निबंध-संग्रह के लिए पुरस्कृत किया गया।
अरुपा पतंगीया कलिता (असमिया) नन्द हाखिम (नेपाली) और रामपाल सिंह राजपुरोहित राजस्थानी को उनके कहानी-संग्रह के लिए और जयंत विष्णु नारळीकर (मराठी) को आत्मकथा, राचपालेम चन्द्रषेखर रेड्डी (तेलुगु) को उनके समालोचना के लिए और जमादार किस्कू (संथाली) को उनके नाटक के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। (वीएनआई)