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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018 (11:14 IST)

रोटोमैक घोटाला : सीबीआई ने कोठारी पर शिकंजा कसा

रोटोमैक घोटाला : सीबीआई ने कोठारी पर शिकंजा कसा - Rottomack scam CBI nationalized bank
नई दिल्ली। सात राष्ट्रीयकृत बैंकों के समूह से लिए गए 3,695 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान नहीं करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां अपने मुख्यालय में रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल से पूछताछ की। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इससे पहले कोठारी से कानपुर में पूछताछ की गई थी। कानपुर में कोठारी का घर और उनकी कंपनी है। उन्होंने कहा कि कोठारी और उनके बेटे राहुल को एजेंसी ने यहां बुलाया था। इसकी वजह के बारे में अधिकारी ने कुछ नहीं बताया। अधिकारियों ने कहा कि कोठारी, उनकी पत्नी साधना और पुत्र राहुल सभी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक हैं।

उन्होंने कथित तौर पर कर्ज में ली गई रकम का उस उद्देश्य से इतर निवेश किया जिसके लिए वह ली गई थी। उन्होंने कहा कि 7 राष्ट्रीयकृत बैंकों के समूह में से एक बैंक ऑफ बड़ौदा ने सीबीआई से कोठारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया था, क्योंकि उसे डर था कि कोठारी देश छोड़कर जा सकते हैं। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने 18 फरवरी को मामला दर्ज किया था।

शुरुआत में आकलन था कि घोटाला करीब 800 करोड़ रुपए का है लेकिन सीबीआई ने जब रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के खातों की जांच शुरू की तो यह खुलासा हुआ कि कंपनी ने कथित तौर पर बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से भी कर्ज लिया है।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने 7 बैंकों से 2,919 करोड़ रुपए की रकम कर्ज के रूप में लेकर धोखाधड़ी की है। ब्याज की रकम और देनदारियों को जोड़कर कंपनी के लिए कुल बकाया रकम करीब 3,695 करोड़ रुपए बैठती है।

धनशोधन संबंधी मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को देश में भूमि, समुद्र और हवाई अड्डों में सभी निकास द्वारों को सूचित कर दिया ताकि कोठारी तथा उसके परिवार के सदस्य देश छोड़कर नहीं जा सकें। ईडी ने इस मामले में सबूत जुटाने के लिए उन्नाव और कानपुर सहित उत्तरप्रदेश में कई जगहों पर छापे भी मारे थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन की रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत रोटोमैक कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ 18 फरवरी को आपराधिक आरोप लगाए। यह आरोप, सीबीआई द्वारा उसी दिन दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर लगाए गए। (भाषा)