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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 15 नवंबर 2017 (12:08 IST)

रसगुल्ले की लड़ाई में बंगाल की जीत

रसगुल्ले की लड़ाई में बंगाल की जीत - Rasgulla Mamta Banerjee
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और ओडिसा के बीच रसगुल्ले पर छिड़ी जंग में बंगाल की जीत हो गई है। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लंदन से ट्विटर पर दी। ममता ने मंगलवार को ट्वीट किया हम सभी के लिए मिठी खबर है। हम खुशी और गर्व के साथ ये कहना चाहते हैं कि बंगाल में सर्वप्रथम रसगुल्ले की ईजाद होने के भौगोलिक पहचान (जीआई) मिल गई है और सरगुल्ले के ईजाद पर हमारा अधिकार सिद्ध हो गया है। इसके बाद से बंगाल के आम लोगों से लेकर नेता तक खुशी मनाने लगे हैं।
 
दोनों राज्यों के बीच विवाद इस बात को लेकर था कि रसगुल्ले का आविष्कार कहां हुआ है। ये मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब साल 2015 में ओडिशा के विज्ञान व तकनीकी मंत्री प्रदीप कुमार पाणिग्रही ने दावा किया था कि रसगुल्ला का आविष्कार ओडिशा में हुआ है। उन्होंने इस दावे को सिद्ध करने के लिए भगवान जगन्नाथ के खीर मोहन प्रसाद को भी जोड़ा था।  इस पर बंगाल के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अब्दुर्रज्जाक मोल्ला ने कहा था कि रसगुल्ला का आविष्कारक बंगाल है और हम ओडिशा को इसका क्रेडिट नहीं लेने देंगे।
 
जानिए क्या है पूरा मामला : 2010 में एक मैगजीन के लिए करवाए गए सर्वे में रसगुल्ला को राष्ट्रीय मिठाई के रूप में पेश किया गया था। ओडिशा सरकार ने रसगुल्ला की भौगोलिक पहचान (जीआई) के लिए कदम उठाया दिया। दावा किया कि मिठाई का ताल्लुक उसी से है। बंगाल इसका विरोध शुरू कर दिया। जीआई  वह आधिकारिक तरीका है जो किसी वस्तु के उद्गम स्थल के बारे में बताता है। ओडिशा का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय रसगुल्ला को राज्य की भौगोलिक पहचान से जोडने में लगा हुआ था। दस्तावेज इकट्ठा किए गए थे, जिससे साबित हो कि पहला रसगुल्ला भुवनेश्वर और कटक के बीच अस्तित्व में आया। पश्चिम बंगाल इन सभी दावों का तोड़ ढूंढ निकाला और आखिर में रसगुल्ले पर बंगाल का कब्जा हो गया। 
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