शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Railways to purchase cowdung
Written By
Last Updated : शनिवार, 13 जनवरी 2018 (14:18 IST)

42 करोड़ का गोबर खरीदेगी भारतीय रेलवे

42 करोड़ का गोबर खरीदेगी भारतीय रेलवे - Railways to purchase cowdung
नई दिल्ली। चौंकिए मत, भारतीय रेलवे को करीब 3,350 ट्रक गोबर की आवश्‍यकता है और इसके लिए वह करीब 42 करोड़ खर्च करने की तैयारी में है। यह गोबर रेलवे की स्वच्छता मुहिम का हिस्सा है और इसे ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाएगा। 
 
रेलवे की स्वच्छता की मुहिम के मद्देनजर ट्रेनों के कोचों में बायो टॉयलेट लगाने की योजना है। ये टॉयलेट दिसंबर 2018 तक सभी ट्रेनों के कोचों में लगाए जाने हैं। इस बायो टॉयलेट टैंक में गाय के गोबर के इस्तेमाल से बनाया गया घोल डाला जा रहा है, जिसे रेलवे अभी डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (डीआरडीई) ग्वालियर से 19 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीद रहा है। 
 
इस योजना के लिए रेलवे को 3,350 ट्रक गोबर की जरूरत पड़ेगी जिसकी कीमत 42 करोड़ बताई जा रही है। विदित हो कि बायो टॉयलेट में इनोकुलुम नाम का घोल इस्तेमाल किया जाता है। डीआरडीई इसे तैयार कर रेलवे को देता है। घोल को तैयार करने के लिए उसमें गाय का गोबर मिलाया जाता है। 
 
गोबर के कारण घोल में बैक्टीरिया जीवित रहते हैं। साथ ही और बैक्टीरिया पैदा होते रहते हैं। 400 लीटर के टैंक में 120 लीटर घोल डाला जाता है। घोल से टैंक में जमा मल-मूत्र अलग हो जाता है। मल कार्बन डाइआक्साइड में तब्दील होकर हवा में उड़ जाता है और पानी को रिसाइकिल कर ट्रेनों की धुलाई की जाती है। 
 
ग्वालियर स्थित डीआरडीई अभी तक 15 अधिकृत वेंडरों से गाय का गोबर लेती है। यह गोबर, वेंडर गोशाला और जिनके पास ज्यादा गाय हैं, उनसे खरीदा जाता है। चूंकि साल के अंत तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगेंगे, ऐसे में डीआरडीई को बड़े पैमाने पर गोबर की जरूरत पड़ेगी। 
 
इसके चलते गोबर इकट्ठा करने के लिए कई और सेंटर भी खोलने की योजना है। इसके अलावा टैंक में डाले जाने वाले घोल के लिए भी सेंटर खोला जाएगा। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे में लगभग 44 हजार कोचों में बायो टॉयलेट लगाने की योजना है। 
 
अभी तक 26 हजार कोच में एक लाख बायो टॉयलेट लगाए जा चुके हैं। इसमें से उत्तर मध्य रेलवे के लिए 644 कोचों में 2023 बायो टॉयलेट लग चुके हैं। एनसीआर के 1397 कोच में करीब पांच हजार बायो टॉयलेट और लगाए जाने हैं।