Chardham Yatra: चारधाम (Chardham) यात्रा मार्ग पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों को रोके जाने सहित यात्रा के कथित कुप्रबंधन के विरुद्ध बुधवार को उत्तरकाशी में होटल एवं अन्य व्यवसायियों ने जुलूस निकला तथा विरोध-प्रदर्शन किया। होटल एवं अन्य व्यवसायियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड़ में यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के बैनर तले जुलूस निकाला तथा उत्तराखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जुलूस प्रदर्शन में पालीगाड़ में रोके गए तीर्थयात्री भी शामिल हो गए और उन्होंने भी व्यवसायियों के साथ प्रदर्शन किया। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन सिंह राणा ने कहा कि यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू हुए 6 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं।
तीर्थयात्रियों को वाहन के अंदर 10-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा : राणा ने दावा किया कि यमुनोत्री मार्ग पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों को वाहन के अंदर 10-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। लंबे इंतजार के बाद उन्हें यातायात जाम का हवाला देते हुए आगे बढ़ने से मना किया जा रहा है। इससे तीर्थयात्रियों का आगे का कार्यक्रम खराब हो रहा है और इस कारण कई यात्री यमुनोत्री धाम की यात्रा किए बगैर ही लौट रहे हैं।
मुख्यमंत्री इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करें : राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए जिससे श्रद्धालु सुगमता से अपनी यात्रा कर सकें। इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने यात्रा शुरू होने के पहले ही 6 दिनों में पिछले सालों के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को 15,630 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री के दर्शन किए जबकि गंगोत्री धाम में 11 मई को 1 दिन में सर्वाधिक 18,973 तीर्थयात्री पहुंचे।
टूर ऑपरेटर के साथ बैठक करने के निर्देश : धामों में अभूतपूर्व संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अपने सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी में कैंप करने तथा गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रा इंतजामों की लगातार निगरानी करने को कहा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यात्रा मार्ग पर चल रही अपंजीकृत बसों तथा अन्य वाहनों के मुद्दे पर परिवहन विभाग को टूर ऑपरेटर के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।
यूट्यूबर और ब्लॉगर बनाने वाले भी शामिल : चारधाम महापंचायत के एक सदस्य बृजेश सती ने कहा कि धामों में बड़ी संख्या में आ रहे लोगों में श्रद्धालुओं के साथ ही यूट्यूबर और ब्लॉगर बनाने वाले भी शामिल हैं जिनके लिए मंदिरों में पूजा करना गौण है। पिछले दिनों यमुनोत्री में यात्रियों की संख्या बहुत बढ़ जाने के बाद पुलिस को श्रद्धालुओं से अपनी यात्रा रविवार को 1 दिन के लिए टालने का अनुरोध करना पड़ा था।
ऑनलाइन 26,73,519 पंजीकरण : उधर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यहां बातचीत में श्रद्धालुओं के इतनी बड़ी संख्या में आने को उत्तराखंड का सौभाग्य बताया लेकिन कहा कि इसके साथ ही कुछ चुनौतियां भी होती हैं जिनसे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से 14 मई तक चारधामों में ऑनलाइन 26,73, 519 पंजीकरण हो चुके हैं जबकि हरिद्वार एवं ऋषिकेश में 8 मई से शुरू किए गए ऑफलाइन काउंटर के माध्यम से 1,42,641 पंजीकरण हो चुके हैं।
हालांकि पांडेय ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सुबह हुई एक बैठक में यह बात भी सामने आई कि बहुत से श्रद्धालु पंजीकरण के दौरान दी गई तारीख से पहले ही चारधाम यात्रा में पहुंच गए जिससे धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई।
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी : पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने वाले दिन 6,838 श्रद्धालु आए थे लेकिन इस बार यह संख्या दोगुनी होकर 12,193 पहुंच गई। इसी प्रकार केदारनाथ में पिछले साल कपाट खुलने के दौरान 18,335 श्रद्धालु आए थे, जो इस साल बढ़कर 29, 000 हो गई।
पांडेय ने चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले 6 दिनों में ही 11 श्रद्धालुओं की मौत के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने जगह-जगह पर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। अब तक यमुनोत्री में 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 व बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta