लखनऊ। रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी केंद्र की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने 35 ट्रेनें रद्द कर दी। प्रदर्शन की वजह से 200 से ज्यादा ट्रेने प्रभावित हुई।
अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बिहार में 3 ट्रेनों के 28 डिब्बों में आग लगा दी। इसी तरह यूपी, कर्नाटक और तेलंगाना में भी ट्रेनों में आगजनी की खबरे हैं। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
प्रदर्शन का सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मध्य रेलवे पर पड़ा है जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से आते हैं। इन राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन देखा गया है। ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे ने प्रदर्शन के कारण आठ ट्रेनों के परिचालन की निगरानी करने का फैसला भी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि वे इन ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं और स्थिति के हिसाब से उनके परिचलान के संबंध में निर्णय लेंगे।
इन ट्रेनों में 12303 हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस, 12353 हावड़ा-लालकुंआ एक्सप्रेस, 18622 रांची-पटना पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, 18182 दानापुर-टाटा एक्सप्रेस, 22387 हावड़ा-धनबाद ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस, 13512 आसनसोल -टाटा एक्सप्रेस, 13032 जयनगर-हावड़ा एक्सप्रेस और 13409 मालदा टाउन-किऊल एक्सप्रेस शामिल हैं।
पूर्व मध्य रेलवे की दो ट्रेन 12335 मालदा टाउन-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस और 12273 हावड़ा-नई दिल्ली दूरंतो एक्सप्रेस रद्द कर दी गयी हैं। रद्द कर गयी अन्य ट्रेनों का ब्योरा तत्काल उपलब्ध नहीं है। रेलवे ने कहा कि पूर्व मध्य के क्षेत्राधिकार से उत्तर सीमांत रेलवे की कई ट्रेन गुजरती हैं और उनमें से तीन प्रभावित हुई है।
युवाओं के आंदोलन को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने 12 रेलगाड़ियां निरस्त की हैं। इसमें वाराणसी-छपरा, छपरा-औरिहार, बलिया-वाराणसी, आजमगढ़-वाराणसी, प्रयागराज-रामबाग-मऊ, छपरा-वाराणसी, थावे- मसरख, मसरख-थावे, वाराणसी-बलिया और बनारस-पटना एक्सप्रेस ट्रेन, वाराणसी-पटना ट्रेन शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 15 ट्रेन को फिलहाल रेलवे स्टेशनों पर रोका गया है और हालात सही होने पर उन्हें एक-एक करके गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा है।
एनसीआर क्षेत्र में किसी भी ट्रेन के साथ तोड़फोड़ की अभी तक कोई सूचना नही हैं। आधा दर्जन से अधिक ट्रेन को जगह-जगह रोका गया है और स्थिति सामन्य होने पर उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता उम्र साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा।