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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 13 सितम्बर 2021 (16:56 IST)

एक्सप्लेनर : गुजरात केे नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने रबर स्टैंप की छवि को तोड़ना सबसे बड़ी चुनौती!

एक्सप्लेनर : गुजरात केे नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने रबर स्टैंप की छवि को तोड़ना सबसे बड़ी चुनौती! - New Chief Minister of Gujarat Bhupendra Patel Challenges
भूपेंद्र भाई पटेल ने गांधीनगर में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। 2022 के अंत में प्रस्तावित गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले मोदी-शाह की जोड़ी ने अपने गढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर एक बार फिर विरोधियों को चौंका दिया है। मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल कई दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल पर केंद्रीय नेतृत्व ने आखिरी क्यों दांव खेला और क्या मोदी-शाह का यह मास्टर स्ट्रोक गुजरात में भाजपा का किला सुरक्षित रख पाएगा अब इस पर चर्चा शुरु हो गई है। 
 
गुजरात की राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर एस रावल ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि गुजरात में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री के चेहरे पर जो परिवर्तन हुआ है वह अपने आप में एक विफलता का प्रमाण है। पार्टी ने कहीं न कहीं खुद स्वीकार किया हैं कि वह गुजरात में न्याय नहीं कर पाई है।

इसमें अकेले मुख्यमंत्री को दोषी नहीं माना जा सकता क्योंकि कोई भी मुख्यमंत्री हो, वह टीम में काम करता है। असल में गुजरात में सरकार और संगठन के बीच तालमेल की भी कमी थी। वहीं खुद भाजपा की कार्य संस्कृति ऐसी विकसित हुई है जिसमें कहीं न कहीं लोककल्याण के कामों को ग्राउंड लेवल पर वैसी प्राथमिकता नहीं मिल पा रही है जैसी होनी चाहिए।  
पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल पर मोदी-शाह का दांव लगाना कितना सफल होगा इस पर सुधीर एस रावल कहते हैं कि नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने वक्त बहुत कम है और चैलेंज बहुत अधिक है। चुनाव को देखते हुए जो परिवर्तन किया गया है उसमें बहुत ज्यादा परिवर्तन आ जाए ऐसा नहीं लगता है। 
 
नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की लोगों के बीच एक अच्छी छवि है लेकिन सबसे बड़ा खतरा यह हैं कि जब तक कोई भी मुख्यमंत्री एक रबर स्टैंप की तरह काम करता है और अगर उसका रिमोट कंट्रोल कहीं बाहर है तो वह कामयाब नहीं हो सकता है। अगर केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर विश्वास जताया है तो उनको स्वतंत्रता भी देनी होगी कि वह परफार्म कर सकेंगे। 
घटलोडिया विधानसभा सीट से पहली बार के विधायक भूपेंद्र भाई पटेल आनंदीबेन पटेल के काफी नजदीकी है। जब 2017 के विधानसभा चुनाव में आखिरी समय में आलाकमान ने आनंदीबेन पटेल से उनकी सीट के राजनीतिक उत्तराधिकारी का नाम पूछा था तो उन्होंने भूपेंद्र भाई पटेल का नाम बढ़ाया था। इसके बाद भूपेंद्र भाई पटेल प्रदेश की सियासत में चर्चा में आ गए थे। 

गुजरात में मुख्यमंत्री के चेहरे के बदलाव के पीछे संघ की भूमिका को सिरे से खारिज करते हुए सुधीर एस रावल कहते हैं कि भूपेंद्र भाई पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छी तरह जानते है और मुख्यमंत्री के तौर पर उनका चयन प्रधानमंत्री मोदी का ही डिसीजन है।