• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Mohan Bhagwat raised the issue of Hindu minorities
Last Updated : गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (14:51 IST)

भागवत बोले, भारतीय अल्पसंख्यकों की बात होती है लेकिन दूसरे देशों में हिन्दू अल्पसंख्यकों की बात नहीं होती

भारत के भूमिका निभाए बिना विश्व शांति संभव नहीं

भागवत बोले, भारतीय अल्पसंख्यकों की बात होती है लेकिन दूसरे देशों में हिन्दू अल्पसंख्यकों की बात नहीं होती - Mohan Bhagwat raised the issue of Hindu minorities
Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को  पुणे में कहा कि भारत को अक्सर अपने अल्पसंख्यकों (minorities) के मुद्दों का समाधान करने की सलाह दी जाती है, लेकिन अब हम देख रहे हैं कि दूसरे देशों में अल्पसंख्यक समुदाय किस स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यहां 'हिन्दू सेवा महोत्सव' की शुरुआत के अवसर पर यह भी कहा कि विश्व शांति की बात करके आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।ALSO READ: बांग्लादेश हिंसा पर RSS का बड़ा बयान, बंद हो हिंदुओं पर अत्याचार, चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग

उन्होंने कहा कि विश्व शांति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं। हमें (भारत) विश्व शांति के बारे में सलाह भी दी जा रही है, लेकिन साथ ही, युद्ध भी नहीं रुक रहे। हमें अक्सर अपने देश में अल्पसंख्यकों के बारे में चिंता करने के लिए कहा जाता है जबकि हम देख रहे हैं कि बाहर अल्पसंख्यक किस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं?
 
आरएसएस प्रमुख ने पड़ोसी बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ हिंसा का कोई उल्लेख नहीं किया, हालांकि आरएसएस ने शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है।ALSO READ: बांग्लादेशी हिदुंओं की चिंता RSS के लिए जरूरी या मजबूरी?
 
भागवत ने कहा कि मानव धर्म सभी धर्मों का शाश्वत धर्म : भागवत ने कहा कि मानव धर्म सभी धर्मों का शाश्वत धर्म है, जो विश्व धर्म है। इसे हिन्दू धर्म भी कहा जाता है। हालांकि दुनिया इस धर्म को भूल गई है। उनका धर्म एक ही है लेकिन वे भूल गए और उसके कारण आज हम पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं समेत विभिन्न प्रकार की समस्याएं देख रहे हैं।ALSO READ: RSS के प्रचारक संघ का संदेश पहुंचाएंगे घर घर, प्रांत प्रचारकों की हुई बैठक
 
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे देश के बाहर बहुत से लोग सोचते हैं कि भारत के भूमिका निभाए बिना विश्व शांति संभव नहीं है। हमारा मानना ​​है कि यह केवल भारत और इसकी समृद्ध परंपरा ही है, जो ऐसा कर सकती है और 3,000 वर्षों से ऐसा होता आया है। दुनिया की इस आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
नगालैंड की महिला भाजपा सांसद बोलीं, राहुल गांधी मेरे करीब आए और चिल्लाने लगे