बुधवार, 17 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Maruti Suzuki India Limited, Maruti Employees
Written By
Last Modified: शनिवार, 18 मार्च 2017 (22:47 IST)

मारुति के 13 पूर्व कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा

मारुति के 13 पूर्व कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा - Maruti Suzuki India Limited, Maruti Employees
गुड़गांव। गुड़गांव की एक अदालत ने मारुति-सुजुकी इंडिया लिमिटेड के 13 पूर्व कर्मचारियों को 2012 में उसके  मानेसर संयंत्र में हुई हिंसा के सिलसिले शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस हिंसा में कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की जान चली गई थी और ये कर्मी हत्या के दोषी पाए गए थे।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल ने 13 व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जिन्हें पहले हत्या का दोषी  ठहराया गया था। जिन 18 अन्य पूर्व कर्मचारियो को हिंसा, दंगा फैलाने और हत्या की कोशिश जैसे अपराधों में दोषी ठहराया गया, उनमें से चार को पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई। चौहद अन्य दोषियों को 2500 रुपए के जुर्माने के बाद रिहा कर दिया जाएगा।
 
अदालत ने कहा कि ये 14 कैद की सजा काट चुके हैं क्योंकि वे साढ़े चार साल सलाखों के पीछे रह चुके हैं और यह दंड काफी  है। जिन 13 व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वे यूनियन के अध्यक्ष राममेहर, संदीप ढिल्लो, रामबिलास, सरबजीत  सिंह, पवन कुमार, सोहन कुमार, प्रदीप कुमार, अजमेर सिंह, जिया लाल, अमरजीत, धनराज भाम्बी, योगेश कुमार और प्रदीप गुज्जर हैं। 
 
आज सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अनुराग हुड्डा ने हत्या के इन सभी 13 मुजरिमों के लिए मृत्युदंड  मांगा। सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उनमें हरेक को उम्रकैद सुनाई। हालांकि बचाव पक्ष  की वकील रेब्बेक्का जॉन ने कहा कि वे इस फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय जाएगी।
 
पहले अदालत ने 10 मार्च को 31 कर्मचारियों को दोषी ठहराया था और 117 को बरी कर दिया था। तेरह कर्मचारी हत्या के जुर्म  में दोषी ठहराये गये थे जबकि बाकी 18 को हिंसा, दंगा करने और अन्य अपराधों के लिए मुजरिम करार दिया गया था। एक कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होने पर अगस्त, 2012 में संयंत्र में हिंसा फैल गई थी। 
 
उस दौरान क्रुद्ध कर्मचारियों ने फैक्टरी में तोड़-फोड़ की थी और वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक अवनीश कुमार देव को आग के हवाले कर दिया था तथा अन्य के साथ बुरी तरह मारपीट की थी। घायलों में कुछ विदेशी एवं पुलिसकर्मी भी थे। पुलिस ने हत्या के सिलसिले में 148 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था।
 
अपने साथियों को इंसाफ नहीं मिलने की स्थिति में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की कर्मचारियों की धमकी के मद्देनजर आज अदालत में और संयंत्र के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। प्रशासन ने 25 मार्च तक के लिए जिले में धारा 144 लगा दी थी। (भाषा) 
 
ये भी पढ़ें
यदि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाता तो...