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Last Modified: सोमवार, 5 जनवरी 2015 (20:04 IST)

प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की 'बिजली बचाओ, देश बनाओ' मुहिम

प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की 'बिजली बचाओ, देश बनाओ' मुहिम - LED
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजधानी में 'बिजली बचाओ, देश बनाओ' की मुहिम शुरू की। सोमवार को मोदी ने दिल्ली में नेशनल प्रोग्राम फॉर एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग एंड एलईडी होम लाइटिंग स्कीम लांच की। इस स्कीम में उन्होंने देशवासियों से अपनी घरों बिजली के साधारण बल्व के बजाय एलईडी आधारित बल्व लगाने की अपील की। 
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के अलावा ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी मौजूद थे। 
 
इस मौके पर मोदी ने साउथ ब्लॉक में एक एलईडी बल्ब जलाकर मुहीम की शुरुआत की। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि एलईडी की शुरुआत से पूरे साउथ ब्लॉक में प्रत्येक महीने सात हजार यूनिट बिजली की बचत की जा सकती है।
 
'बिजली बचाओ, देश बनाओ' के इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में घर से लेकर सड़क तक के बल्ब बदलने की अपील की गई है। यही नहीं, इस अभियान में अपने घर, ऑफिस व गली मोहल्लों से साधारण बल्ब, सीएफएल व ट्यूब लाइट की जगह एलईडी बल्ब के लगाने की सलाह दी गई। 
 
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन असवर पर दिल्ली में एक योजना की भी शुरूआत की है। इस योजना के तहत एलईडी बल्ब के लिए 5 जनवरी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरू किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन कराने वाले बिजली उपभोक्ताओं को बाजार से कम कीमत पर केवल 10 रुपए में एलईडी बल्ब दिया जाएगा। बाद में प्रति माह उसे 10 रुपए देने होंगे। 
 
'बिजली बचाओ, देश बनाओ' अभियान की जानकारी ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने अपने ट्‍विटर अकाउंट पर भी दी है। उन्होंने कहा कि घरों के लिए एलईडी के लिए आधारकार्ड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे पारदर्शिता तो आएगी ही साथ ही साथ नकल को भी रोका जा सकेगा। 
 
गोयल ने ट्‍विटर पर लिखा कि यदि देश के 77 करोड़ घरों में जहां साधारण बल्व का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहां पर एलईडी बल्व का इस्तेमाल किया जाए तो 26 बिलियन KWH ऊर्जा हर साल बचाई जा सकती है। 
 
गोयल यह भी लिखते हैं कि देश में इस वक्त 3 करोड़ स्ट्रीट लाइट्‍स हैं। एलईडी से भारत में हर साल 5 बिलियन KWH ऊर्जा को बचाया जा सकता है। ऐसा करने से देश को हर साल 3 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।