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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 4 अप्रैल 2017 (13:49 IST)

मुश्किल में केजरीवाल, मानहानि मामले में जेठमलानी की फीस पर बवाल...

मुश्किल में केजरीवाल, मानहानि मामले में जेठमलानी की फीस पर बवाल... - Kejriwal wants Delhi govt to foot his bill in defamation case
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच मानहानि मामले में उस समय एक नया मोड़ आ गया जब भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल जनता के टैक्स के पैसे से मशहूर वकील राम जेठमलानी की फीस भर रहे हैं।
 
इस मामले में केजरीवाल की तरफ से मशहूर वकील रामजेठमलानी पैरवी कर रहे हैं। इस केस में रामजेठमलानी ने कथित तौर पर रिटेनरशिप के रूप में एक करोड़ रुपए का बिल और कोर्ट में हर पेशी के लिए 22 लाख रुपए का बिल भेजा है।
 
रामजेठमलानी अब तक केजरीवाल की तरफ से ग्यारह बार पेश हुए हैं। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस केस जुड़े बिलों पर दस्तखत कर उसे पास करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया।
 
इस बीच दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने ट्वीट कर दो चिट्ठियां पेश की हैं जिसमें उन्होंने जेठमलानी को करोड़ों रुपए फीस देने का आरोप लगाया है।

मामले पर बवाल मचने के बाद राम जेठमलानी ने कहा है कि वह केवल पैसे वालों से ही फीस लेते हैं जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं। जेठमलानी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकाय या फिर केजरीवाल फीस नहीं दे पाते हैं, मैं इस केस में मुफ्त में आऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह केजरीवाल को एक गरीब क्लाइंट के हिसाब से ट्रीट करेंगे। उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया कि यह सब अरुण जेटली का कराया हुआ है जो केस में उनके द्वारा किए गए क्रॉस इक्जामिनेशन से डर गए हैं।
 
 
अगले पन्ने पर... उपराज्यपाल ने मांगी सॉलीसीटर जनरल से सलाह 

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर दायर मानहानि का मुकदमा लड़ रहे शहर के वरिष्ठ वकील की फीस से जुड़े बिलों को पास करने को लेकर सॉलीसीटर जनरल रंजीत कुमार से सलाह मांगी है।
 
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक नोट के उत्तर में कहा था कि इन बिलों के भुगतान हेतु उपराज्यपाल का हस्ताक्षर आवश्यक है। इसी पर बैजल ने सलाह मांगी है।
 
सूत्रों ने कहा, सिसोदिया ने दिसंबर में वकील राम जेठमलानी की फीस भरने के लिए कुछ अग्रिम राशि देने को भी कहा था। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से केजरीवाल के खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि के मुकदमे में जेठमलानी दिल्ली के मुख्यमंत्री के वकील हैं।
 
सूत्रों का कहना है कि जेठमलानी की फीस का करीब तीन करोड़ रुपया बकाया है और कानून विभाग का मानना है कि जब मुकदमा सरकार से जुड़ा हुआ नहीं है तो उसकी फीस का भुगतान सरकारी खर्च क्यों होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल ने कुमार को पत्र लिखकर जानना चाहा है कि सरकार को यह भुगतान करना चाहिए या नहीं।