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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 20 अक्टूबर 2024 (21:28 IST)

देशभर में धूमधाम से मनाया गया करवा चौथ, सुहागिन महिलाओं ने चन्द्रमा देख खोला उपवास

देशभर में धूमधाम से मनाया गया करवा चौथ, सुहागिन महिलाओं ने चन्द्रमा देख खोला उपवास - Karva Chauth was celebrated with great enthusiasm across the country
देशभर में रविवार को करवा चौथ का त्योहार पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। आमतौर पर करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं, लेकिन इस बार करवा चौथ के व्रत को लेकर एक खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी अपनी पत्नियों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखा। इस तरह से यह परंपरा अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब पुरुष भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेने लगे हैं।

युवा पीढ़ी में इस व्रत को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिला। युवाओं ने इस मामले में अपने बड़े-बुजुर्गों को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक पीढ़ी भी अपनी परंपराओं से जुड़े रहने का महत्व समझती है। इस खास मौके पर बाज़ारों में जबरदस्त रौनक़ देखने को मिली। कपड़े, ज्वेलरी, संवरने का सामान, पूजा सामग्री, और उपहारों की जमकर खरीदारी बिक्री हुयी।

 
कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के अनुमान के मुताबिक इस वर्ष करवा चौथ के अवसर पर 22 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत से भी अधिक है। कैट ने दिवाली तक देश में 4.25 लाख करोड़ के व्यापार का अनुमान लगाया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी  चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से करवा चौथ का व्रत रखते हैं और देश भर के व्यापारियों से यह व्रत रखने का लगातार आग्रह भी करते रहे हैं। खंडेलवाल ने कहा कि मैं 20 वर्षों से अधिक समय से मैं अपनी पत्नी के साथ करवा चौथ का व्रत रखता हूं और इसका उद्देश्य न केवल उनके लंबे तथा स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करना है, बल्कि परिवार की खुशहाली, समृद्धि और आपसी सहयोग को भी बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि इससे समानता और सम्मान को बढ़ावा मिलता है। साथ ही स्वास्थ्य और आत्म-नियंत्रण भी मज़बूत होता है तथा पारिवारिक एकता को भी बल मिलता है। उन्होंने कहा कि जब पति और पत्नी दोनों मिलकर किसी धार्मिक अनुष्ठान का पालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि मेरा यह विश्वास है कि इस तरह के सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठानों में पुरुषों की भागीदारी से समाज में समानता तथा आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा। करवा चौथ का व्रत रखने से न केवल पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है, बल्कि समाज को भी एक नया संदेश मिलता है कि प्रेम, सम्मान और परिवार की भलाई के लिए दोनों का समान योगदान होना चाहिए। इनपुट एजेंसियां 
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