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Last Updated : शनिवार, 21 अगस्त 2021 (23:13 IST)

कल्याण सिंह का विश्व प्रसिद्ध गोरखपुर पीठ से था आत्मीय जुड़ाव

कल्याण सिंह का विश्व प्रसिद्ध गोरखपुर पीठ से था आत्मीय जुड़ाव - Kalyan Singh
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। गोरखपुर में उनके निधन की खबर पहुंचते ही वहां के लोग बेहद दुखी हैं। गोरखपुर में आम जनता के साथ साधु-संत भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार अतुल कुमार की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध गोरक्ष पीठ से स्वाभाविक आत्मीय जुड़ाव था। अयोध्या में श्रीराम मंदिर आंदोलन के अगुवा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ कल्याण के प्रति विशेष स्नेह रखते थे।

ब्रह्मलीन महंत की ही भांति सिंह श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को अपने जीवन का मिशन मानने थे। उनके इस मिशन को गोरक्ष पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में पूरा भी किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के दौरान कल्याण सिंह गोरक्ष पीठ के और निकट आ गए।
मंदिर आंदोलन की रूपरेखा पर तत्कालीन पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ के साथ प्रायः उनकी मंत्रणा होती रहती थी। गोरक्ष पीठ के बुलावे पर कल्याण सिंह पीठ के अधीन संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।

10 दिसंबर 2013 को एमपी इंटर कॉलेज के मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने परिषद की तरफ से दी जा रही राष्ट्रवादी विचारधारा की शिक्षा की मुक्तकंठ से सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पुनीत कार्य से देश के भविष्य को लेकर एक नई आशा का संचार हो रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार अतुल कुमार बताते हैं कि कल्याण सिंह की गोरक्ष पीठ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के प्रति गहरी आस्था थी। वर्ष 2006 में सिंह रमेश सिंह के भाई के शादी समारोह में आए थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि महंत अवैद्यनाथ की तबीयत नासाज है, वे फौरन उनका कुशल-क्षेम जानने गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए।

गोरखपुर में उनका आगमन जनवरी 2014 में खाद कारखाना परिसर में हुई बीजेपी की महारैली में भी हुआ था। उस वक्त भी उन्होंने तत्कालीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ से आशीर्वाद लिया था।
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