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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 18 जनवरी 2017 (19:37 IST)

भारत की चीन को नसीहत, क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करें

भारत की चीन को नसीहत, क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करें - India's Rise Not Harmful To China: S. Jaishankar
नई दिल्ली। चीन-भारत के बीच बढ़ती असहजता के परिप्रेक्ष्य में भारत ने कहा कि वह चीन की सरकार को आश्वस्त करने का प्रयास कर रहा है कि इसकी प्रगति चीन के लिए हानिकारक नहीं है और संप्रभुता से जुड़े मामलों में दोनों देशों को संवेदनशील होना चाहिए।
 
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने दक्षेस में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि एक सदस्य देश की असुरक्षा के कारण क्षेत्रीय समूह अप्रभावी बन गया है।
 
आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बताते हुए उन्होंने वैश्विक स्तर पर खतरे से निपटने में समन्वय नहीं होने को लेकर अफसोस जताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत है ताकि यह बड़ी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सके।
 
रायसीना सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश सचिव एस. जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक परिपथ पर कड़ी आपत्ति जताई जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर भारत की नाराजगी पर चीन को विचार करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, 'चीन ऐसा देश है जो अपनी संप्रभुता को लेकर काफी संवेदनशील है। इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें दूसरों की संप्रभुता को भी समझना चाहिए।'
 
विदेश सचिव का बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि दोनों पक्षों को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और एक-दूसरे की मुख्य चिंताओं और हितों का सम्मान करना चाहिए।
 
मोदी ने मंगलवार को कहा था कि संबद्ध देशों की संप्रभुता का सम्मान कर ही क्षेत्रीय संपर्क मार्ग को पूरा किया जा सकता है और मतभेद तथा कलह से बचा जा सकता है।
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