भारत में सबसे ज्यादा मुस्लिम युवा
चंडीगढ़। भारत में सबसे ज्यादा युवाओं की जनसंख्या मुस्लिम युवाओं की है। जनगणना आंकड़ों के मुताबिक देश में 0-19 आयु वर्ग के सबसे ज्यादा मुसलमान हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, हिन्दुस्तान में किशोरावस्था के मुसलमान युवाओं की जनसंख्या 47 प्रतिशत है, जबकि हिन्दू 40 प्रतिशत और जैनियों की जनसंख्या 29 प्रतिशत है।
बता दें कि यदि सभी धर्मों की जनसंख्या को मिलाया जाए तो देश में 41 फीसदी आबादी 20 वर्ष की आयु वर्ग से कम के लोगों की है। 60 साल की आयु से ऊपर के लोगों की संख्या केवल 9 फीसदी है। 20-25 साल की आयु के लोगों की संख्या 50 फीसदी है।
जनगणना के आंकड़ों की मानें तो देश में अलग-अलग धर्मों में बच्चों के अनुपात में कमी आई है और बुजुर्गों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। गौरतलब है कि 2001 की जनगणना की तुलना में युवा आबादी में कमी आई है।
2001 में देश की कुल 45 फीसदी आबादी में युवा शामिल थे, जिनमें 44 फीसदी हिन्दू, 52 फीसदी मुसलमान और 35 फीसदी जैन थे। इन आंकड़ों से पता चलता है देश में आबादी बढ़ने की दर में कमी आई है।
आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा गिरावट हिन्दुओं, ईसाइयों और बौद्धों में आई है। इसके बाद सिखों और जैनों में यह गिरावट देखी गई है। वहीं जीवनकाल में इजाफे के कारण सभी धर्मों में बुजुर्गों की जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है। भारत में 60 साल या इससे ज्यादा आयु के लोगों की जनसंख्या 9 फीसदी दर्ज की गई है।
बताया जा रहा है कि बुजुर्गों की संख्या में मुसलमानों की तादाद काफी कम है। मुसलमानों में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की तादाद आबादी की 6.4 फीसदी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। 2001 में इनकी संख्या 5.8 फीसदी थी, जिसमें थोड़ा सा इजाफा हुआ है।
जैन और सिख धर्म के बुजुर्गों की जनसंख्या 12 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से 30 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि इन समुदायों में युवाओं की संख्या कम है, इसलिए बुजुर्गों की संख्या यहां ज्यादा है।