गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. india opt out from switzerland peace summit declaration on russia ukraine war
Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 16 जून 2024 (22:05 IST)

रूस के साथ भारत ने निभाई दोस्ती, शांति शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संबंधी बयान से खुद को किया अलग

रूस के साथ भारत ने निभाई दोस्ती, शांति शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संबंधी बयान से खुद को किया अलग - india opt out from switzerland peace summit declaration on russia ukraine war
भारत ने रविवार को यूक्रेन संकट पर स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित शांति शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति से खुद को जोड़ने से परहेज किया और कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा। भारत ने घोषणा की है कि वह स्विट्जरलैंड में चल रहे यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य का हिस्सा नहीं होगा। 
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने यूक्रेन संकट पर ‘शांति शिखर सम्मेलन’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह सम्मेलन 15 और 16 जून को स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न के पास एक रिसॉर्ट में आयोजित किया गया।
 
शिखर सम्मेलन का समापन दर्जनों देशों द्वारा यूक्रेन की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ के लिए अपना समर्थन देने और संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत का आह्वान करने के साथ हुआ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन और समापन सत्र में भाग लिया। भारत ने इस शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को संबद्ध नहीं किया है।’’
मंत्रालय ने बयान में कहा कि सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन के शांति फार्मूले पर आधारित पूर्ववर्ती एनएसए या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना ​​है कि इस तरह के समाधान के लिए संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में, भारत सभी हितधारकों के साथ-साथ दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि शीघ्र और स्थायी शांति लाने के लिए सभी गंभीर प्रयासों में योगदान दिया जा सके।’’

करीब 100 देश हुए शामिल : सम्मेलन में पश्चिमी देशों के 100 के करीब प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों में भारत, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और यूएई भी शामिल रहे। हालांकि इनके प्रतिनिधियों ने अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए और इन देशों का फोकस परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान पर ही रहा। ब्राजील इस सम्मेलन में बतौर ऑब्जर्वर देश के तौर पर शामिल हुआ, लेकिन उसने भी अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। वहीं तुर्किए ने हस्ताक्षर किए। इनपुट भाषा
ये भी पढ़ें
एलन मस्क के EVM हैक बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दिया यह जवाब