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Last Updated : शनिवार, 21 अप्रैल 2018 (16:48 IST)

क्या है महाभियोग का मतलब?

क्या है महाभियोग का मतलब? - Impeachment of CJI: Vice-President Venkaiah Naidu likely to take time to act on motion
नई दिल्ली। कांग्रेस समेत सात विपक्षी पार्टियों ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दिया है लेकिन जानें कि इसका मतलब क्या है और इसके तहत होता क्या है? उल्लेखनीय है कि महाभियोग के जरिए देश में आजतक किसी भी संवैधानिक पद पर नियुक्त व्यक्ति को हटाया नहीं गया है।
 
शुक्रवार को सात विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ इम्पीचमेंट यानि महाभियोग का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा। इस प्रस्ताव पर 64 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। मुख्य न्यायाधीश पर पांच मामलों में अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है।
 
भारत में कभी किसी मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग नहीं चलाया गया है। संविधान के "जजिस इंक्वायरी एक्ट 1968" और "जजिस इंक्वायरी रूल्स 1969" के अनुसार दुराचार के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के जज और चीफ जस्टिस को पद से हटाया जा सकता है। संविधान की धारा 124(4) के अनुसार, "सुप्रीम कोर्ट के जज को तब तक उनके पद से नहीं हटाया जा सकता जब तक कि राष्ट्रपति की ओर से ऐसा आदेश नहीं आता। यह आदेश संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद और कम से कम दो तिहाई के बहुमत के बाद ही दिया जा सकता है।"
 
किसी जज, राष्ट्रपति या ऐसे ही किसी पद पर नियुक्त व्यक्ति को हटाने की प्रक्रिया में निम्न लिखित पांच कदम होते हैं।
 
1. किसी जज को हटाने के लिए लोकसभा के 100 या फिर राज्यसभा के 50 सदस्यों को नोटिस पर हस्ताक्षर करने होंगे। इसे किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।
 
2. सभापति इसे स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं।
 
3. यदि सभापति प्रस्ताव को स्वीकारते हैं तो उन्हें तीन सदस्यों की एक समिति का गठन करना होगा। इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ जज, हाई कोर्ट के एक जज और एक कानूनी जानकार का शामिल होना जरूरी है, जो चीफ जस्टिस या किसी अन्य जज के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करते हैं।
 
4. यदि समिति नोटिस का समर्थन करती है, तो उसे उसी सदन में चर्चा के लिए दोबारा भेजा जाता है, जहां सबसे पहली बार उसे पेश किया गया था। इसे पास करने के लिए कम से कम दो तिहाई मतों की जरूरत होती है। 
 
5. एक सदन में पारित हो जाने के बाद इसे दूसरे सदन में भेजा जाता है। वहां भी इसे दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। 
 
6. दोनों सदनों में दो तिहाई मतों से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है और वे जज जा फिर चीफ जस्टिस को हटाने का अंतिम फैसला लेते हैं।
 
इस कारण से प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लाए गए नोटिस पर क्या निर्णय लाया जाए, यह उप राष्ट्रप‍ति वैकेया नायडू को लेना है। ऐसा करते समय वे कितना समय लेते हैं, इस को लेकर कोई बंधन नहीं है।  
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