सरकार ने कोल इंडिया से कहा- बिजलीघरों के लिए बढ़ाएं कोयले की आपूर्ति...
नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. से दुर्गा पूजा के दौरान बिजली उत्पादकों को ईंधन की आपूर्ति बढ़ाकर 15.5 से 16 लाख टन प्रतिदिन करने को कहा है। साथ ही 20 अक्टूबर के बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन करने को कहा गया है।
देश में जब त्योहार शुरू हो चुके हैं, ऐसे में बिजलीघरों में कोयले की कमी को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण है।मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, दिल्ली में सोमवार को एक बैठक हुई और कोल इंडिया से बिजलीघरों को पूजा के दौरान 15.5 से 16 लाख टन प्रतिदिन कोयले की आपूर्ति करने को कहा गया। साथ ही 20 अक्टूबर के बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन करने को कहा गया है।
कोल इंडिया ने सोमवार को बिजली क्षेत्र को 16.15 लाख टन कोयले की आपूर्ति की। कंपनी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार देश में 69 प्रतिशत बिजली उत्पादन कोयला आधारित संयंत्रों से होता है। ऐसे में देश के बिजली क्षेत्र के लिए ईंधन की आपूर्ति को लेकर कोल इंडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। कंपनी की कुल आपूर्ति का करीब 80 प्रतिशत कोयला बिजली क्षेत्र को दिया जा रहा है।
सूत्र ने कहा कि बिजली संयंत्रों को जितने कोयले की जरूरत है, आपूर्ति की जा रही है लेकिन भंडार बढ़ नहीं पा रहा है क्योंकि ईंधन की आपूर्ति जरूरत के अनुसार ही है और उन्होंने (बिजली घरों) अपने भंडार को भरने पर ध्यान नहीं दिया।
उसने कहा कि बिजलीघरों में कोयला भंडार एक नवंबर से ही भरना शुरू होगा। उन्होंने (बिजली संयंत्रों ने) अपने भंडार को पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाया। उनमें से कई ने यह जोखिम उठाया....। सूत्र ने कहा कि कोल इंडिया के पास वित्त वर्ष 2020-21 के अंत तक 10 करोड़ टन कोयला भंडार था।
उसने कहा, इस भंडार का कारण क्या था? क्योंकि उन्होंने (बिजली संयंत्रों) निर्धारित आपूर्ति को नहीं लिया। उन्होंने सोचा कि जब जरूरत नहीं है, तो अभी पैसे की बर्बादी का क्या फायदा। कोल इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसने देशभर में बिजली इकाइयों को चालू महीने में पिछले चार दिन में कोयले की आपूर्ति बढ़ाकर 15.1 लाख टन कर दी है।
कंपनी ने कहा कि वह कोयले के परिवहन के लिए पर्याप्त निकासी उपाय भी कर रही है। अक्टूबर के दौरान कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों को औसत आपूर्ति अब तक 14.3 लाख टन प्रतिदिन रही है। यह अब पिछले चार दिनों में बढ़कर 15.1 लाख टन हो गई है।(भाषा)