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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 28 जून 2021 (00:27 IST)

जम्मू-कश्मीर में नया खतरा बने ड्रोन, हथियारों की डिलीवरी से बम हमलों तक के सफर की साजिश की पूरी कहानी

जम्मू-कश्मीर में नया खतरा बने ड्रोन, हथियारों की डिलीवरी से बम हमलों तक के सफर की साजिश की पूरी कहानी - First ever drone attack in India marks dangerous new turning point in Kashmir terror
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में ड्रोन नए खतरे के रूप में सामने आए हैं। दरअसल, इन ड्रोनों ने अब हथियारों, मादक पदार्थों की डिलीवरी से बम हमलों तक का सफर सफलतापूर्वक तय कर लिया है। पहली बार देश के किसी वायुसैनिक हवाई अड्डे पर ड्रोन से हुए बम हमले ने सुरक्षा व्यवस्था और एयर डिफेंस सिस्टम की स्टीकता पर भी सवाल उठा दिए हैं।

ये उन दावों की पोल भी खोल देते हैं जिनमें अकसर सुरक्षा एजेंसियां दावा करती हैं कि एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जम्मू के सभी सीमावर्ती इलाकों में इसे स्थापित किया गया है और यहीं कारण है कि ड्रोन से हथियार व नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगा है, जबकि आए दिन ड्रोन सीमावर्ती इलाकों में देखे जा रहे हैं।
25 फरवरी 2021 को भारत-पाकिस्तान के बीच 2003 के सीजफायर के समझौते को फिर से लागू किए जाने के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक हमले का निशाना और उसका तरीका तय करता है कि वह कितना बड़ा है। उन्होंने कहा कि यह वायुसेना की प्रतिरक्षा प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बरती जा रही चौकसी में लापरवाही की तरफ भी हमारा ध्यान दिलाता है।

उनका कहना था कि अगर यह ड्रोन हमला है तो इसके विभिन्न पहलुओं की गहन जांच जरूरी है। यह हमला सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल उठाता है।

पाकिस्तान में बैठे आतंकी अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब 20-25 किलोमीटर दूर स्थित भारतीय वायुसेना के एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला करे और उसमें पाकिस्तानी सेना का सहयोग न हो, यह कैसे हो सकता है। आतंकियों को इस तरह का ड्रोन और टेक्नोलॉजी पाकिस्तानी सेना ने ही दी है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर यह कहा जाएगा कि जम्मू में ही एयरपोर्ट के आस-पास किसी सक्रिय आतंकी ने यह काम किया है, तब भी यह हमारी नाकामी कही जाएगी और उसके पास भी यह ड्रोन और विस्फोटक पाकिस्तानी सेना की मदद से ही पहुंचा है।
 
यह भी सच है कि पाकिस्तान प्रदेश में हथियारों व मादक पदार्थों की सप्लाई के लिए ड्रोन का खुल इस्तेमाल कर रहा है। प्रदेश में इंटरनेशनल बॉर्डर तथा एलओसी पर पिछले डेढ़ साल में उसने 8 बार ऐसी कामयाब डिलीवरी भी की हैं और अब पहली बार सफलतापूर्वक ड्रोन से बम हमला भी कर दिया है।
 
 ये तथ्य चौंकाने वाला है कि जम्मू का वायुसैनिक हवाई अड्डा हमेशा पाक सेना के निशाने पर रहा है जो इंटरनेशनल बॉर्डर की जीरो लाइन से जमीनी मार्ग से 14 किमी दूर है तो हवाई दूरी मात्र 5 किमी की है। लेह-लद्दाख, कारगिल और सियाचिन हिमखंड के ठिकानों तक रसद पहुंचाने में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है तो कश्मीर में फैले आतंकवाद के दौरान भी यह सुरक्षाबलों के लिए कम महत्वपूर्ण नहीं है और अब इसे ड्रोन बम हमलों से निशाना बना पाक सेना ने भारतीय सेना व वायुसेना के लिए एक नया मोर्चा जरूर खोल दिया है।

जम्मू में दो आतंकी गिरफ्‍तार : जम्मू के नरवाल इलाके में पांच किलो आईईडी के साथ दो आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। आतंकियों के कब्जे से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। आतंकवादियों को समय पर गिरफ्तार कर जम्मू शहर में एक बड़ी आतंकी साजिश को टाल दिया गया है। आतंकियों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

जम्मू पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक प्रमुख शॉपिंग माल के पास से दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी के आधार पर पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया। आतंकी शहर में हमले को अंजाम देने से पहले प्रमुख प्रतिष्ठानों की रेकी कर रहे थे।
 
पकड़े गए आतंकी का संबंध लश्कर-ए-तोइबा से निकले संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट से हैं जिसकी पहचान नदीम उल हक निवासी बनिहाल के रूप में हुई है। नदीम को एसओजी की टीम ने पुख्ता सूचना के आधार पर भठिंडी के मलिक मार्केट कांप्लेक्स से दबोचा है। नदीम के साथ उसका एक और साथी भी पकड़ा गया है जो पाकिस्तानी बताया जा रहा है और पाकिस्तान के मुलतान का निवासी है। फिलहाल पुलिस ने दूसरी आतंकी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।