कानून बना दिल्ली सेवा बिल, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
Delhi Service Bill : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को दिल्ली सर्विस बिल को मंजूरी दे दी। बिल की मंजूरी मिलते ही दिल्ली सेवा बिल कानून बन गया। अब राष्ट्रीय राजधानी में प्रमोशन, ट्रांसफर का अधिकार उपराज्यपाल के पास पहुंच गया है। यह कानून राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश की जगह लेगा।
सरकार ने नोटिफिकेशन में कहा, इस अधिनियम को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 कहा जाएगा। इसे 19 मई, 2023 से लागू माना जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (जिसे इसके बाद मूल अधिनियम के रूप में संदर्भित किया गया है) की धारा 2 में खंड (ई) में कुछ प्रावधान शामिल किए गए। 'उपराज्यपाल' का अर्थ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत नियुक्त प्रशासक और राष्ट्रपति द्वारा उपराज्यपाल के रूप में नामित किया गया है।
हाल ही में खत्म हुए मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में बिल को मंजूरी मिल गई है। संसद में बिल पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
लोकसभा में बिल पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि संसद को कानून बनाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विधेयक देश के भले के लिए लाए जाते हैं।
अमित शाह ने कहा था कि कि जो सत्ता में है उसका मकसद सेवा करना है ही नहीं। 2015 के बाद से दिल्ली में यहीं स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का मकसद झगड़ा बढ़ाना है। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा में कोई झगड़ा नहीं हुआ।
शाह ने कहा कि दिल्ली ना पूर्ण राज्य है और ना ही संघ शासित प्रदेश। समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है।
Edited by : Nrapendra Gupta