पुणे। भारत के मशहूर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का 94 वर्ष की उम्र में पुणे के एक अस्पताल में शाम 650 बजे निधन हो गया। लक्ष्मण पद्म भूषण और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित थे।उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां वह कुछ दिन से आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गए थे। सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी पत्नी कमला के अलावा पुत्र श्रीनिवास हैं। श्रीनिवास पत्रकार रह चुके हैं।
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के डॉ. समीर जोग ने बताया, ‘लक्ष्मण का शाम को छह बजकर करीब 50 मिनट पर निधन हो गया।’ लक्ष्मण को मूत्र नली में संक्रमण के कारण 17 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
गौरतलब है कि लक्ष्मण को यूरिनरी इंफेक्शन के चलते इंटेंसिव केयर यूनिट आईसीयू में रखा गया था और डॉक्टर उन्हें डायलिसिस प्रक्रिया से भी गुजार चुके थे।
24 अक्टूबर 1921 में जन्में लक्ष्मण ने 1951 में "कामन मैन" नाम से कार्टून शुरू किया था। द कॉमन मैन किरदार को गढ़ने वाले कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण देश की खास शख्सियतों में से एक हैं जो करीब पांच दशकों तक अपने कार्टूनों के जरिए राजनेताओं को निशाना बनाते हुए करारे व्यंग कसते रहे हैं।
हालांकि उन्होंने बाद में राजनेताओं पर कार्टून करेक्टर बनाना बंद कर दिया था। लक्ष्मण के करीबियों का मानना है कि लकवे के बाद भी उन्होंने कार्टून बनाना जारी रखा और समाज के तमाम पहलुओं को दुनिया के सामने उकेर दिया।
लक्ष्मण द्वारा बनाए गए कार्टून हर जगह सुर्खियां बटोरने में कामयाब होते थे। किरदारों के जरिए उनके द्वारा कसे जाने वाले व्यंग्यों को हर जगह सराहना मिलती थी।