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Last Modified: बेंगलुरु , शनिवार, 19 मई 2018 (23:31 IST)

येदियुरप्पा का इस्तीफा, 22 साल पहले का वाजपेयीजी का समय याद आया

येदियुरप्पा का इस्तीफा, 22 साल पहले का वाजपेयीजी का समय याद आया - BS Yeddyurappa Karnataka Chief Minister
बेंगलुरु। बीएस येदियुरप्पा के विश्वास मत का सामना किए बगैर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दिए जाने की घटना ने 22 वर्ष पहले प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता अटलबिहारी वाजपेयी की याद दिला दी। 
 
वाजपेयी ने बहुमत साबित करने के लिए आवश्यक संख्या की कमी के कारण केवल 13 दिनों के बाद ही इस्तीफा दे दिया था। वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने 1996 में केंद्र में सरकार बनाई थी और उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहा गया था।
 
वाजपेयी को उस समय राष्ट्रपति रहे शंकरदयाल शर्मा ने शपथ दिलाई थी। हालांकि वाजपेयी सरकार के पास भी बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी। 22 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बाद कुमारस्वामी के पिता और जद (एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री बने थे। इस बार कुमारस्वामी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। 
 
गत 12 मई को हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, हालांकि भाजपा 104 सीटों पर जीत दर्ज करके सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। कांग्रेस को 78 और जद (एस) को 37 सीटों पर जीत मिली थी। 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे। 
 
कर्नाटक की तरह ही भाजपा 1996 में भी सबसे अधिक सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत से कुछ सीट दूर थी। वाजपेयी ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था और एक दिलचस्प भाषण के बाद घोषणा की कि वे विश्वास मत के बिना ही इस्तीफा दे देंगे। 
 
वाजपेयी ने कहा था कि मैं भारत के राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं। शनिवार को येदियुरप्पा ने भी विश्वास प्रस्ताव पेश किया। हालांकि उन्होंने एक भावुक भाषण के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा की। येदियुरप्पा ने कहा कि मैं इस्तीफा दूंगा। मैं सीधे राज्यपाल के पास जाऊंगा और मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दूंगा। (भाषा)