बैंक घोटाले में जवाबदेही से बच रही है मोदी सरकार
नई दिल्ली। कांग्रेस ने नए बैंक घोटालों के सामने आने और इनसे जुड़े तथ्यों को लेकर लगातार हो रहे खुलासों पर चिंता जाहिर करते हुए इसकी जल्द से जल्द जांच कराने की शनिवार को मांग की और आरोप लगाया कि मोदी सरकार इन घोटालों पर जवाबदेही से बचने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बाद अब द्वारका प्रसाद सेठ नाम का एक और घोटालेबाज बैंकों का 390 करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गया है। उसके घोटाले का मामला अगस्त 2017 में सामने आया और फरवरी में उसके खिलाफ गुडगांव में प्राथमिकी दर्ज की गई। इससे पहले ही वह विदेश भाग गया।
सिब्बल ने कहा कि बैंकों में आम आदमी का पैसा जमा है और उन पर डाका डालकर घोटालेबाज अमीर हो रहे हैं और विदेश भाग रहे हैं। रिजर्व बैंक को जल्द से जल्द इन घोटालों की जांच करनी चाहिए और जिन लोगों का पैसा लूटा गया है, उसे वापस किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार घोटालों की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है लेकिन वह बच नहीं सकती। पंजाब नेशनल बैंक में वित्त मंत्रालय ने एक प्रतिनिधि नियुक्त किया था जिसने अमृतसर से चुनाव भी लड़ा। सरकार की तरफ से वे बैंक के प्रतिनिधि थे। उनकी भूमिका क्या थी? इसकी भी जांच होनी चाहिए।
सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति लोगों का विश्वास घट रहा है। मोदी पहले भ्रष्टाचार के बारे में बड़ी-बड़ी बात करते थे लेकिन 2014 का आम चुनाव जीतने के बाद से अब तक उन्होंने लोकपाल तक का गठन नहीं किया। हालात यह है कि भ्रष्टाचार को लेकर लंबी-चौड़ी बातें करने वालों की सरकार को उच्चतम न्यायालय को यह आदेश देना पड़ रहा है कि वह लोकपाल का गठन करे।
उन्होंने कहा कि लोकपाल के गठन को लेकर हाल में ही उच्चतम न्यायालय में एक मामला आया था। न्यायालय ने सरकार से पूछा कि वह लोकपाल का गठन किस वजह से नहीं कर रही है? सरकार ने जवाब दिया कि लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं है इसलिए लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा रही है। न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को मार्च में लोकपाल के गठन को लेकर बैठक करने को कहा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार में बैंकिंग सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं। बैंकों में घोटाले होते रहेंगे और सिस्टम सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाएंगे तो देश में निवेश नहीं आएगा। निवेश नहीं होगा तो अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी इसलिए सरकार को बैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। (वार्ता)