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Last Updated : शुक्रवार, 17 अगस्त 2018 (00:14 IST)

'भारत रत्न' अटलजी के दु:खद निधन से पूरा देश गमगीन, 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक

'भारत रत्न' अटलजी के दु:खद निधन से पूरा देश गमगीन, 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक - Atal bihari vajpayee passed away
नई दिल्ली। देश के अत्यन्त लोकप्रिय नेता, 'भारत रत्न' से सम्मानित और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटलबिहारी वाजपेयी का आज शाम 5.05 बजे एम्स में 93 साल की उम्र में दु:खद निधन हो गया। वे पिछले 2 महीनों से एम्स में भर्ती थे। 9 साल से बीमार चल रहे अटलजी की बीते 36 घंटों से ही उनकी तबीयत लगातार खराब होती चली गई। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। अटलजी के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। दिल्ली, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में शुक्रवार शोक स्वरूप अवकाश की घोषणा की गई है।


प्रधानमंत्री मोदी ने अटल जी को दी पुष्पांजलि : रात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अटल निवास पहुंचे और वहां पर पार्थिव शरीर पर पुष्पाजंलि अर्पित की। इससे पहले उन्होंने कहा था कि अटल जी का चले जाना मेरे लिए एक पिता का सिर से साया उठ जाने जैसा है। अटल जी श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में प्रमुख थे राष्ट्रपति रामनाथ को‍विंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, डॉ. मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, ममता बनर्जी, योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव, राम ना‍इक और कई राज्यों के मुख्यमंत्री  
 
अटल निवास पहुंचा पार्थिव शरीर : एम्स से आज रात करीब 8 बजे लेपन की प्रक्रिया के बाद एक एम्बुलेंस में अटल जी का पार्थिव शरीर उनके निवास 6 ए कृष्ण मेनन मार्ग पहुंच चुका है। एंबुलेंस में उनके साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह थे। उनके निवास पर केवल निकट के सहयोगी और रिश्तेदार ही उनके अंतिम दर्शन करेंगे। 
 
शुक्रवार को अंतिम संस्कार : अटल जी का पार्थिव शरीर रातभर उनके निवास पर रहेगा। अमित शाह ने बताया कि रात 9.30 बजे से निवास पर अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे। शुक्रवार को सुबह 7.30 से 8.30 तक दर्शन का सिलसिला जारी रहेगा। 9 बजे उनके पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय लाया जाएगा, जहां आम लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे। इसके बाद 1 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी और शाम 4 जबे में दाह संस्कार राजघाट के पीछे यमुना किनारे किया जाएगा। 
 
अटल निवास पर आडवाणी समेत कई दिग्गज नेता : चिर निंद्रा नींद में लीन अटल जी का पार्थिव शरीर उनके निवास पहुंचने के पहले ही वहां उनके मित्र रहे लालकृष्ण आडवाणी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायुडू, स्पीकर सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, पीयूष गोयल, बाबा रामदेव, कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंच गए थे, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं। अटल जी के निवास पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी भी रात में यहां पहुंचेंगे।
 
तिरंगे में ढका अटलजी का पार्थिव शरीर : रात में अटलजी के कांच बॉक्स में पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान पर तिरंगे से ढक दिया गया था। थल सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानों ने बॉक्स को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से ढका और सलामी दी। इसके बाद वहां परिजनों और अन्य नेताओं ने पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि अटलजी के निधन से शून्य में हूं। भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। यह एक युग का अंत है।उन्होंने कहा कि हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है। मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। लेकिन वो हमें कहकर गए हैं- 
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं 
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?”
 
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण देश, संगठन व विचारधारा को पूर्णतः समर्पित कर देना इतना आसान नहीं होता। अटल जी को हम सब ने एक आदर्श स्वयंसेवक, समर्पित कार्यकर्ता, कवि, ओजस्वी वक्ता व अद्भुत राजनेता के रूप में देखा। भाजपा के संस्थापक और प्रथम अध्यक्ष के नाते उन्होंने संगठन को अपने तप और अथक परिश्रम से सींच कर एक वटवृक्ष बनाया।
 
अटल जी की छवि इस देश के एक ऐसे जनप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी जिसने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और राष्ट्रहितों समझौता किये बगैर बेदाग राजनीतिक जीवन जिया। और यही वजह रही कि देश की जनता ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं से बाहर जा कर उन्हें प्यार और सम्मान दिया।
 
जहां एक तरफ अटल जी ने विपक्ष में जन्मी पार्टी के संस्थापक व सर्वोच्च नेता के तौर पर संसद और देश में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाई वहीं प्रधानमंत्री के रूप में देश को एक निर्णायक नेतृत्व भी प्रदान किया। अटल जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।
 
अटल जी के विचार, उनकी कविताएं, उनकी दूरदर्शिता और उनकी राजनीतिक कुशलता सदैव हम सबको प्रेरित व मार्गदर्शित करती रहेंगी। भारतीय राजनीति के ऐसे शिखर पुरुष को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूँ और ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति शांति शांति... 
 
भारतीय राजनीति के 'भीष्म पितामह' अटलजी की तबीयत पिछले 24 घंटे में काफी बिगड़ गई थी। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। अटलजी की तस्वीर आखिरी बार 2015 में तब सामने आई थी, जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 'भारत रत्न' दिया था। अटलजी भारत के सर्वमान्य नेता थे।

लता मंगेशकर ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जितना दु:ख मुझे अपने पिता के जाने पर हुआ था, उतना ही दु:ख मुझे आज हो रहा है। अटल जी मुझे अपनी बेटी मानते थे। उनका दिल बहुत नरम था। उनके जाने से देश को बहुत बड़ी हानि हुई है, जो कभी भी नहीं भर सकती। वे महान लेखक, साधु पुरुष और बहुत सरल इंसान थे।