• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Astronaut Shubhanshu Shuklas Axiom-4 Mission set for launch on June 10
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 7 जून 2025 (20:54 IST)

Axiom Mission : शुभांशु शुक्ला अं‍तरिक्ष में नया इतिहास लिखने को तैयार, 10 जून को भरेंगे उड़ान

subhanshu shukla
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य 10 जून को फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम स्पेस की चौथी मानव अंतरिक्ष उड़ान पर रवाना होंगे और लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद 11 जून को भारतीय समयानुसार रात लगभग 10 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने की संभावना है।
 
एक्सिओम-4 मिशन के पायलट शुक्ला के अलावा, अन्य चालक दल में पोलैंड से स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की और हंगरी से टिबोर कापू और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन शामिल हैं।
 
इस प्रक्षेपण के साथ ही शुक्ला लगभग चार दशक बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। नासा ने एक बयान में कहा कि कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपण के बाद चालक दल नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने अंतरिक्ष उड़ान की तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले सप्ताह एक्सिओम स्पेस का दौरा किया था। यात्रा की तैयारी के लिए अंतरिक्ष यात्री 25 मई से ही पृथक-वास में हैं और 10 जून को प्रक्षेपण से पहले प्रशिक्षण ले रहे हैं।
 
एक्सिओम स्पेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एक्स4 चालक दल व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करता है, जिसमें पानी के नीचे से बच निकलने के अभ्यास जैसे कई प्रशिक्षण शामिल हैं। एक्सिओम स्पेस ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक वीडियो भी साझा किया।
 
आईएसएस में 14 दिन के प्रवास के दौरान, एक्स-4 चालक दल के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, स्कूली छात्रों और अंतरिक्ष उद्योग के नेताओं के साथ बातचीत करने की उम्मीद है। इस सप्ताह की शुरुआत में, चालक दल ने प्रक्षेपण से पहले प्रशिक्षण पर अद्यतन जानकारी देने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
 
व्हिटसन ने मंगलवार को कहा कि हम प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार हैं, हमने सभी प्रशिक्षण पूरे कर लिए हैं और टीम के बीच अच्छा तालमेल है।’’ शुक्ला ने अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक वर्ष तक चले प्रशिक्षण को ‘‘परिवर्तनकारी कदम’’ बताया।
 
शुक्ला ने कहा कि अब तक यह एक अद्भुत यात्रा रही है, लेकिन अभी भी इसका सबसे अच्छा हिस्सा बाकी है। जब मैं अंतरिक्ष में जा रहा हूं, तो सिर्फ उपकरण नहीं ले जा रहा हूं, बल्कि मैं एक अरब दिलों की उम्मीदें और सपने भी ले जा रहा हूं।’’
 
शुक्ला नासा के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच सहयोग के तहत विकसित विशेष खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करने के लिए तैयार हैं। इन प्रयोगों का उद्देश्य भविष्य में लम्बी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक अंतरिक्ष पोषण और आत्मनिर्भर जीवन समर्थन प्रणालियों का विकास करना है।
इसरो ने शुक्ला के लिए सात प्रयोगों की एक श्रृंखला तैयार की है जो नासा द्वारा अपने मानव अनुसंधान कार्यक्रम के लिए नियोजित पांच संयुक्त अध्ययनों में भी भाग लेंगे। शुक्ला बीजों को मैक्रोबायोटिक परिस्थितियों में भी रखेंगे और उन्हें वापस धरती पर लाएंगे, जहां उन्हें पौधों में न केवल एक बार बल्कि कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा।
 
शुक्ला ने कहा कि एक्सिओम मिशन 4 के अनुभव का उपयोग गगनयान मिशन में बहुत अच्छी तरह से किया जाएगा, जिसकी योजना 2027 के लिए बनाई गई है। इसरो एक्सिओम-4 मिशन पर 550 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma
ये भी पढ़ें
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु हादसे पर सरकार से मांगा जवाब, RCB की जीत के जश्न में 11 लोगों की हो गई थी मौत