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Last Updated : सोमवार, 3 अगस्त 2015 (20:09 IST)

नगा समझौता, अजित डोभाल का जवाब नहीं...

नगा समझौता, अजित डोभाल का जवाब नहीं... - Ajit Doval
भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध जासूस, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के ट्‍वीट देखकर किसी को भी सहज ही अंदाजा हो सकता है कि यह व्यक्ति बहुत ही दार्शनिक और आध्यात्मिक है। ...लेकिन इन सबसे उनका एक और व्यक्तित्व है और वह है एक सख्त प्रशासक का। 
आज यानी 3 अगस्त को केन्द्र सरकार और नगालैंड के अलगाववादी संगठन एनएससीएन (आईएम) के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है। एक ओर हंगामे के कारण संसद ठप है, तो दूसरी ओर सरकार ने प्रधानमंत्री आवास 7 आरसीआर पर इस बड़े समझौते को अंजाम ‍दे दिया। एनएससीएन हथियार छोड़कर राष्ट्रीय मुख्‍य धारा में शामिल होने के लिए तैयार हो गया है। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसे ऐतिहासिक समझौता करार देते हुए कहा है कि इससे नगालैंड के लिए विकास के रास्ते खुलेंगे साथ ही हिंसा में लिप्त अन्य संगठनों के लिए भी यह समझौता उदाहरण बनेगा। प्रधानमंत्री ने इस समझौते में अहम भूमिका निभाने के लिए गृहमंत्री राजनाथसिंह की भी सराहना की है। 
हालांकि एक बात जो सामने आ रही है वो यह है कि इस पूरे समझौते के सूत्रधार अजित डोभाल ही रहे हैं। इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि अस्सी के दशक में वे उत्तर पूर्व में भी सक्रिय रहे। उसी सक्रियता का लाभ सरकार को इस समझौते के रूप में मिला है। 
 
उस समय ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी, लेकिन तब डोभाल ने ललडेंगा के सात में छह कमांडरों का विश्वास जीत लिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि ललडेंगा को मजबूरी में भारत सरकार के साथ शांति विराम का विकल्प अपना पड़ा था। वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।
यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि जून 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे। उसके तत्काल बाद भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर आतंकवादियों और कैंपों को ध्वस्त कर दिया था। इस ऑपरेशन में भी एनआईए डोभाल ने अहम रोल निभाया था।  
 
क्या हैं डोभाल के ट्‍वीट्‍स : नगा समझौते के बाद डोभाल ने हैशटैग नगालैंड से ट्‍वीट किए हैं, उनको पढ़कर तो उनकी अलग ही छवि बनती है। एक ट्‍वीट में डोभाल कहते हैं 'प्राणियों में सद्‍भाव हो, विश्व का कल्याण हो।' एक अन्य ट्‍वीट में डोभाल परोक्ष रूप से नगालैंड को और अलगाववाद की राह पर चल रहे अन्य संगठनों को भी नसीहत देते हुए दिखते हैं ' अलग अलग रहने से बने रेती सा व्यक्तित्व, मिलकर रहने से बने पर्वत सा अस्तित्व।'