• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Air pollution in delhi, Smog chokes Delhi
Written By

कैसे बचें इस जानलेवा स्मॉग से, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर...

कैसे बचें इस जानलेवा स्मॉग से, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर... - Air pollution in delhi, Smog chokes Delhi
दिल्ली में बिगड़ती फिजा को देखते हुए सरकार ने फिलहाल 3 दिनों तक स्कूल, औद्योगिक गतिविधियां जैसे निर्माण और कुछ कारखाने बंद करने का निर्णय लिया है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके गंभीर खतरे को देखते हुए सीपीसीबी ने परामर्श जारी किया है कि जब भी इस तरह समस्या या वायु की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो तो लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। 
ये बच्चों, बुजुर्गों और हृदय तथा फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए घातक है। दीपावली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। कम तापमान और हवा नहीं चलने के कारण स्थिति और बिगड़ जाती है। पंजाब और हरियाणा में इसी दौरान खेतों में पराली जलाई जाती है जिसमें से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण को और बढ़ा देता है। 
 
आइए जानते हैं कि इस जहरीले माहौल से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतें : 
 
स्मॉग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव अस्थमा और सांस की अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर आता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण ठंड के मौसम में स्मॉग नीचे जमीन पर मौजूद हवा में हावी हो जाता है इससे दमा और सांस के मरीजों को सांस लेना दूभर हो जाता है। स्मॉग में छिपे हानिकारक रसायन के कण अस्थमा के मरीजों में अस्थमा अटैक की आशंका को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। स्मॉग से फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली ट्यूब में रुकावट, सूजन, रुखापन या कफ आदि के कारण भी समस्या होती है। 
 
1. अस्थमा के रोगियों को स्मॉग से हरसंभव कोशिश कर बचना चाहिए। उन्हें डीएमसी या अन्य अधिकृत एजेंसी द्वारा जारी चेतावनी और सूचनाओं के अनुसार अपनी दिनचर्या बनानी चाहिए। यदि आपके इलाके की हवा अधिक प्रदूषित है तो घर के अंदर ही रहने की कोशिश करें और अगर बाहर जाना जरूरी है तो पूरी सतर्कता का पालन करें, अपने मुंह पर मास्क लगाएं। अपनी दवाइयां और इन्हेलर साथ रखें और जेब में एक कार्ड रखें जिसमें आपकी स्वास्थ्य स्थिति और आपातकालीन संपर्क होना चाहिए। इसमें यह भी लिखा होना चाहिए कि गंभीर स्थिति में आपको कौन-सी दवा दें या अस्पताल में ले जाया जाए। 
 
सिर्फ अस्थमा के मरीज ही नहीं, अन्य लोग भी इन नियमों का पालन करना चाहिए। 
 
2. सर्दियों के मौसम को अक्सर सेहत के लिए वरदान माना जाता है और बहुत से लोग इस समय में व्यायाम या सैर कर अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं। ऐसे में अगर आप बाहर व्यायाम के लिए जाना चाहते हैं तो कोशिश करें कि सुबह जल्दी व्यायाम कर लें, क्योंकि सूर्य की किरणों के साथ स्मॉग और भी खतरनाक हो जाता है। ऐसे में घर के अंदर ही व्यायाम करें। घर के बाहर पार्क में जाकर व्यायाम करने से बचें। इसके अलावा जितना हो सके घर के अंदर ही रहें।

 
3. अस्थमा के रोगियों को खासकर बच्चों को स्मॉग से बचने के लिए मॉस्क पहनाएं। अगर वे घर से बाहर जा रहे हैं तो बिना मॉस्क के न जाएं। जो बच्चे अस्थमा से पीडि़त हैं उनके लिए यह मौसम अधिक खतरनाक होता है। इसलिए बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क पहनाएं। दिवाली के बाद जैसा स्मॉग दिल्ली में है उसमें तो आम लोगों को भी मास्क पहनना चाहिए।


4. ठंड के मौसम में अस्थमा के रोगियों के लिए घर के बाहर की ही नहीं बल्कि घर के अंदर की हवा भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में घर के अंदर की हवा साफ करने के लिए एयर प्युरीफायर घर में लगाएं। यदि खिड़की या दरवाजे खोलना चाहते हैं तो पहले बाहर की हवा की गुणवत्ता जांच लें। अगर जरूरी न हो तो दरवाजे और खिड़की बंद रखें। ध्यान रहे कि यदि आपको किसी भी तरह की समस्या अधिक हो रही हो तो चिकित्सक से जरूर संपर्क कर लीजिए।
 
5. हां, यदि आप दिल्ली में रहते हैं और पिछले दिनों से आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें। डॉक्टर जो भी सलाह दे उसका पूरी तरह से पालन करें और कोशिश करें कि इस जहरीले धुएं में कम से कम निकलें।