जम्मू कश्मीर में 3 सुरंगें होंगी इंजीनियरिंग का नायाब नमूना  
					
					
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  जम्मू। जम्मू-कश्मीर सिर्फ अपने खूबसूरत पहाड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि वादियों के लिए भी जाना जाता है और अब यह प्रदेश उन 3 सुरंगों के लिए भी जाना जाएगा, जो इंजीनियरिंग का नायाब नमूना साबित होने जा रही हैं। इनमें से एक सुरंग इस्तेमाल हो रही है और दूसरी बस कुछ ही हफ्तों के बाद इस्तेमाल की जाएगी, जबकि तीसरी के लिए कुछ अरसे का इंतजार करना होगा।
				  																	
									  अगले कुछ हफ्तों में काजीगुंड-बनिहाल टनल का इस्तेमाल आरंभ हो जाएगा। करीब साढ़े आठ किमी लंबी श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर बनकर तैयार हो चुकी यह टनल 16 किलोमीटर के सफर को कम करेगी। इसकी खास बात यह है कि यह राजमार्ग की पुरानी जवाहर टनल से 400 मीटर नीचे की सतह पर बनाई गई है।
				  2100 करोड़ रुपयों मं तैयार हुई यह टनल वर्ष 2011 से बननी आरंभ हुई थी, जो समुद्र तल से 1790 मीटर की ऊंचाई पर है। यह इंजीनियरिंग का नायाब नमूना कही जा रही है। इससे पहले चिनैनी-नाशरी टनल को भारत की सबसे लंबी टनल कहा जाता है।
				  						
						
																							
									  यह 10.89 किलोमीटर लंबी है जो नेशनल हाईवे पर वाहनों का 40 किलोमीटर का सफर कम कर रही है और प्रतिदिन 27 लाख रुपयों की बचत करवा रही है। करीब 3200 करोड़ में तैयार हुई इस टनल का इस्तेमाल अप्रैल 2017 से ही हो रहा है।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  इतना जरूर है कि देश की सबसे लंबी सुरंग का खिताब अब चिनैनी नाशरी टनल से छीन जाएगा क्योंकि अगले पांच वर्षों में जोजिला टनल तैयार हो जाएगी जो 11578 फुट की ऊंचाई पर बनने वाली सवा चौदह किलोमीटर लंबी होगी। यह श्रीनगर को कारगिल से जोड़ेगी और 3 घंटे के सफर को मात्र 15 मिनट में ही पूरा करेगी।
	सांकेतिक फोटो