Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 8 जुलाई 2014 (16:19 IST)
एफडीआई के लिए रेलवे ने खोले दरवाजे
नई दिल्ली। खस्ताहाल रेलवे ने अपनी हालत सुधारने की दिशा में मंगलवार को निजी क्षेत्र के लिए अपने दरवाजे खोलने की घोषणा की। रेलमंत्री डीवी सदानंद गौडा ने आज संसद में 2014-15 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि परिचालन को छोड़कर रेल सेवा में निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि रेलवे के उपक्रम बेहतर कार्य कर रहे हैं और इनकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत है। रेलवे के उपक्रमों के पास फालतू धन को बुनियादी सुविधा परियोजनाओं में लगाया जाएगा। इससे उपक्रमों को बेहतर आय भी होगी।
उन्होंने कहा कि रेलवे की बेहतरी के लिए इसके बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाना बहुत जरुरी है जिसके लिए बहुत अधिक धन की जरुरत होगी। इसकी आवश्यकता को आंतरिक स्रोत और सरकार के वित्त पोषण से पूरा नहीं किया जा सकता। संसाधनों को जुटाने के लिए एफडीआई की जरूरत होगी और इसके लिए रेल मंत्रालय कैबिनेट की मंजूरी लेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि संसाधनों को जुटाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी की बहुत चर्चा हुई लेकिन इस दिशा में ठोस काम नहीं हुए। भविष्य में पीपीपी माडल के माध्यम से संसाधन जुटाने पर पूरा जोर रहेगा।
उन्होंने कहा कि संसाधन जुटाने के अलावा रेलवे योजना और प्रशासन के विभिन्न पहलुओं को युक्सिंगत ढंग से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चालू परियोजनाओं की प्राथमिकता और उन्हें समय के भीतर पूरा करने पर जोर दिया जाएगा।
बुनियादी सुविधाओं के संसाधन जुटाने के लिए एक प्रणाली को विकसित करने और परियोजना क्रियान्वयन में निर्णय लेने की सहायक प्रणाली, खरीद प्रक्रिया में पारर्दशिता और नीति संबंधी भागदारी, आयातित उत्पादों का बड़े पैमाने पर स्वदेशीकरण, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संरक्षा मानक और दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए सिक्युलेशन सेंटर की स्थापना और रेल इंजनों, सवारी डिब्बों और वैगन लीजिंग बाजार के विकास को प्रोत्साहन दिया जाएगा। (वार्ता)