मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. World Political Events

वर्ष 2018 की विश्व राजनीतिक घटनाओं पर एक नज़र

वर्ष 2018 की विश्व राजनीतिक घटनाओं पर एक नज़र - World Political Events
वर्ष 2018 बिदा लेने को है। यद्यपि पृथ्वी के इतिहास में एक वर्ष, एक पल से अधिक कुछ नहीं किन्तु मानव सभ्यता के इतिहास में एक वर्ष इतना समय तो होता है कि जिसका लेखा-जोखा किया जा सके। लेखक का मानना है कि आधुनिक युग में अपनी पृथ्वी का स्वरूप या तो नेता बदल सकते हैं या वैज्ञानिक। अतः इस वर्ष की उन महत्वपूर्ण घटनाओं पर एक नज़र डालते हैं, जो किसी न किसी रूप में हमारे भविष्य को प्रभावित करेंगी। 
 
 
विश्व राजनीति के परिप्रेक्ष्य में इस वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण घटना तब हुई, जब उत्तरी कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अंततः अपने देश से बाहर निकला और उसने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून तथा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प से सिंगापुर में मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद पृथ्वी को परमाणु बमों के अनचाहे धमाकों और दिशा भ्रमित मिसाइलों से थोड़ी राहत मिली। यद्यपि अभी किसी महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं किन्तु फिर भी इस वर्ष दोनों कोरियाई देशों के बीच कटुता में निश्चित ही कमी आई है। 
उधर चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग लगभग ता उम्र के लिए चीन के राष्ट्रपति घोषित कर दिए गए। चीन की सत्ता पर उनका एकाधिकार हो चुका है और आने वाले वर्षों में चीन उनके ही नेतृत्व में आगे बढ़ेगा। उन्हें चुनौती देने वाला शायद अब कोई नहीं बचा। हमारे पड़ोस में बांग्लादेश की शेख हसीना भी सुर्ख़ियों में रही, जिसने बांग्लादेश का औद्योगीकरण करके देश की अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन कर दिया और उसे दुनिया की सबसे तेज गति से भागने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया। 
 
उधर पाकिस्तान की सत्ता पर पुनः सेना का कब्ज़ा क्रिकेटर इमरान खान के माध्यम से हुआ। सेना का सामना करने वाले नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार के आरोप में कैद की सजा सुना दी गई है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौपट है और अपने मित्र देशों के सहारे अभी किसी तरह गाड़ी खींच रहा है। 
मध्यपूर्व की बात करें तो ईसिस का एक बार तो लगभग सफाया हो चुका है और यह क्षेत्र अब शांति की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस क्षेत्र की सरकारें थोड़ी स्थिर होने लगी हैं।  मिस्र में राष्ट्रपति सिसी की सरकार दूसरी बार भारी बहुमत से चुन ली गई।  सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब की परम्परागत सामाजिक व्यवस्थाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन किए और साथ ही युवराज के नेतृत्व में सऊदी अरब अब शत्रु देशों के विरुद्ध अधिक आक्रामक भी दिखने लगा है।
 
पूर्व और सुदूर पूर्व पर नज़र डालें तो मलेशिया की जनता ने अपने एक पुराने लोकप्रिय राजनेता महातिर को 93 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बनाकर दुनिया को चौंका दिया।  आज वे दुनिया के सबसे बड़ी उम्र के राष्ट्राध्यक्ष हैं। जापान के प्रधानमंत्री अबे इस वर्ष पुनः निर्वाचित हुए और अपने देश के सबसे लम्बे समय तक बने रहने वाले प्रधानमंत्री बन गए। उन्हें इस उपलब्धि का श्रेय है कि जापान की अर्थव्यवस्था को नयाजीवन दिया और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से भी अपने संबंधों को सुधारा। 
यूरोप पर नज़र डालें तो इंग्लैंड के नेता पूरे वर्ष यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढते रहे। यह समस्या इतनी उलझ चुकी है कि इसका सीधा समाधान किसी को भी नज़र नहीं आ रहा। जर्मनी की लौह महिला चांसलर एंजेला मर्केल ने 2022 में अपने पद से हट जाने की घोषणा कर दी है और इस तरह यूरोप के एक जुझारू, लोकप्रिय और सम्मानित नेता की बिदाई तय है। जर्मनी में अब परिवर्तन का दौर आरम्भ होगा। वर्ष के अंत में फ्रांस में विभिन्न सामाजिक और आर्थिक कारणों से उपद्रव की शुरुआत हुई। अतः कुल मिलाकर यूरोप के लिए यह वर्ष कुछ विशेष उपलब्धियों वाला नहीं रहा। 
 
अमेरिकी राष्ट्रपति लगभग प्रतिदिन सही या गलत कारणों से विश्व के मीडिया में चर्चा का विषय बने रहे। अपने सहयोगी राष्ट्रों के साथ उनकी ठनी रही। अपने अभी तक के कार्यकाल में वे कोई नया मित्र नहीं बना पाए हैं। फिर भी अमेरिकी जनता के एक बड़े हिस्से में ट्रम्प अपनी लोकप्रियता बनाये हुए हैं। वर्ष के अंत में सीरिया और अफगानिस्तान से सेना हटाने का निर्णय लेकर उन्होंने दुनिया को चौंका दिया।  
 
अंत में मालदीव की बात करना उचित होगा जहाँ कुछ वर्षो तक भारत विरोधी और चीन समर्थक राष्ट्रपति सत्ता में रहे जिन्होंने अपने निर्णयों से भारत की चिंताएं बढ़ा दी थीं। इस वर्ष सत्ता परिवर्तन हुआ और पुनः भारत समर्थक राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह चुन लिए गए। इस तरह वर्ष 2018 जाते जाते भारत के खाते में एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि डाल कर चला गया।

पाठकों के लिए हमने इस आलेख में इस वर्ष की संसार भर की घटनाओं का एक संक्षिप्त सर्वेक्षण प्रस्तुत किया है। अगले अंक में इन सब घटनाओं के आगामी वर्ष पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे, जो पाठकों के लिए और भी रुचिकर होगी। 
ये भी पढ़ें
इंदौर को सलाम...