शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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टाइटैनिक का ‘कैप्टन मनु’ ....!

टाइटैनिक का ‘कैप्टन मनु’ ....! - webdunia blog
मनु की छुट्टियां ख़त्म होने को हैं और मनु कैरी तोड़ने समेत, ढेर सारे मज़े कर चुका हैउमस भरी दुपहरी में मनु मम्मा के पास अधलेटा अखबार पलट रहा है। 
 
“मम्मा, ये पढ़ो..”
 
“दस दिवसीय स्वर और नाट्य प्रशिक्षण शिविर, पता भी पास का ही है” मम्मा ने पढ़ा
 
“मम्मा, मुझे जाना है, प्लीज स्कूल में जब प्ले होते हैं, तो काम आएगा”
 
मम्मा असमंजस में हैं सिर्फ देखा-देखी या बच्चों को व्यस्त रखने के उद्देश्य से छुट्टियों में क्लास या कैंप में डालने की प्रथा की मम्मा सख्त विरोधी रही है लेकिन बच्चे की जिस क्षेत्र में रूचि हो, नैसर्गिक प्रतिभा हो उसे निखारना भी आवश्यक है और बोलने, लिखने, अभिनय जैसी कलाओं के प्रति मनु का बचपन से रुझान रहा है घर से प्रोत्साहन मिला तो स्कूल ने मंच दिया इसलिए विचार तो यह था कि किसी नाट्य-दल के साथ मनु नियमित तौर पर जुड़े परन्तु छोटी उम्र और लम्बी दूरी आड़े आती रही। 
 
“ तो क्या यह सही शुरुआत हो सकती है?” मम्मा ने पापा के समक्ष शंका जाहिर की।
 
“क्यों नहीं? कुछ नहीं तो उसे इस क्षेत्र को करीब से जानने का और अपना मूल्यांकन करने का मौका तो मिलेगा और मनु का मन है न, तो बस” पापा ने मुहर लगा दी है। 
 
“हां, मम्मा! बस यही एड्रेस है”
 
इस बड़े-से घर के एक हिस्से में यह कार्यशाला संपन्न होगी आयोजक सदफ और प्रशिक्षक शेरिन, बच्चों और उनके अभिभावकों से आत्मीयता से मिल रही हैं।
“कैप्टन मनु रिपोर्टिंग, मम्मा! हम टाइटैनिक प्ले कर रहे है, नए कॉन्सेप्ट के साथ” मनु के पहले दिन का अनुभव शानदार है, “और ये डायलॉग कल तक याद करने हैं। 
 
वैसे मनु का मंच से नाता पुराना है, इसलिए उसे कोई डर नहीं है। मनु शायद के.जी में होगा, जब टीचर ने क्लास में पूछा, ‘कल स्टेज पर कविता कौन सुनाएगा?’
 
मनु ने झट से हाथ उठाया, ‘टीचर, मैं’ 
 
टीचर ने छुट्टी के समय मम्मा को बताया था चूंकि प्रार्थना में बाहर के लोगों को आने की अनुमति नहीं थी, मम्मा ने पापा के साथ कैंपस के बाहर खड़े होकर कविता सुनी थी आंख के किनारे गीले हो आए थे। 
 
इसके बाद क्रम बढ़ता ही गया मम्मा के सामने सारी छवियां सजीव हो उठी है कक्षा दूसरी में नेताजी के भेष में, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ ठसक के साथ कहने वाला मनु....!
 
वार्षिकोत्सव में ‘छोटे-छोटे शहरों से....’गीत पर हंसता-ठुमकता मनु...!
 
 अंग्रेजीदा हिंदी बोलता फिरंगी मनु ....और....और ...कौआ मनु! एक बार नाटक में मनु को कौए का पात्र मिला उदास-सा मनु घर आया, “मम्मा मुझे कौआ क्यों बनाया? सब दोस्त हंसते हैं”
 
“तुम्हारे रंग के कारण, बेटा” पापा ने चिढ़ाया इसके बाद कई दिनों तक गोरा-चिट्टा मनु आईने में अपने रंग की पड़ताल करता रहा।   
 
फिर कभी भाषण कभी मंच-संचालन का अवसर मिल गया और मनु ने धीरे-धीरे मंच से खासी दोस्ती गांठ ली मनु को मंच पर देख मम्मा को अपने मंच पर बिताए पल याद हो आते पर स्कूल से इतर यह मनु का पहला प्रदर्शन होगा। 
 
“मम्मा, कल स्टेज रिहर्सल, परसों फुल ड्रेस रिहर्सल और शनिवार को शो” मनु ने कार्ड मम्मा को पकड़ाया किसी बड़े स्कूल के ऑडिटोरियम में शो है।
 
“ कैप्टन की कैप वहीं मिल जाएगी” मनु झक-सफेद कपड़ों में तैयार है, “पापा, पांच बजे से फंक्शन है आप लोग साढ़े चार तक पहुंच जाना और हां, पवन भी आएगा, आप लोगों के साथ”
 
“आंटी स्टेज तो मस्त है” पवन उत्साहित है पापा कैमरा सेट करने में व्यस्त हैं मम्मा की नजरें मनु को खोज रही हैं ‘हाँ, वो रहा’ मनु अपनी टीम के साथ स्टेज से जुड़े गलियारे में खड़ा है, शेरिन उन्हें कुछ निर्देश दे रही हैं मनु का एक्ट सबसे अंत में हैं कार्यक्रम का शुभारम्भ हो चुका है एक के बाद एक नन्हें-मुन्नों की लुभावनी प्रस्तुतियां. ..
 
“इंतजार खत्म हुआ वक्त है, इस शाम की सबसे खास पेशकश का ‘द टाइटैनिक’ संचालक की आवाज गूंजी। 
 
 छह से सत्रह साल के बच्चों की पलटन स्टेज पर है मनु का प्रवेश मम्मा को अपनी धड़कन सुनाई दे रही है बुलंद आवाज में मनु कैप्टेन के रूप में जहाज के बारे में बताते हुए यात्रियों का स्वागत कर रहा है पार्टी, बॉल-रूम डांस, हंसी-ख़ुशी के पल, तूफ़ान और विध्वंस.... दृश्य और घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहे हैं सारे बच्चे सहज लयबद्धता के साथ अपनी भूमिका निभा रहे हैं। विध्वंस के बाद सृजन का सन्देश देता हुआ नाटक समाप्त हुआ तालियों की करतल ध्वनि के साथ दर्शक खड़े हो गए हैं। 
 
“और मेरा कैप्टन........मनु” शेरिन स्टेज पर पात्रों का परिचय दे रही हैं पापा फोटो लेना भूल कर तालियां ही बजा रहे हैं उनके चेहरे पर दुलार और गर्व के मिले-जुले भाव हैं ट्रॉफी, प्रमाण-पत्र वगैरह मिलने के बाद अब बच्चे स्टेज पर धमाल मचा रहे हैं। मनु ने पवन को भी खींच कर स्टेज पर चढ़ा लिया है लोग मनु को बधाई दे रहे हैं, उसकी सराहना कर रहे हैं मम्मा दूर खड़ी इन पलों को अपने अंदर संजों लेने का प्रयास कर रही है। 
 
“आप कैप्टन की मम्मा हैं ना?” मम्मा ने शेरिन का कहते सुना, “ही इज़ वंडरफुल! उसमें आत्मविश्वास है और स्वप्रेरणा भी पैरेंट के रूप में जो कुछ आप उसके लिए करते हों, प्लीज़ वही करते रहें” शेरिन चाइल्ड थैरापिस्ट भी है। 
 
 मम्मा जानती है बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए ऐसे समय ये बातें अक्सर कही जाती हैं हर बच्चा वंडरफुल ही है और हर पालक अपने लिहाज से सर्वश्रेष्ठ ही करने का प्रयास करते हैं फिर भी न जाने क्यों आंख की कोर आज फिर गीली हो आई हैं। 
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