शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. Mark Zuckerberg, Facebook Data Scam, Facebook Employee
Written By

मुश्किल में जुकरबर्ग, कर्मचारियों का भरोसा खोया

मुश्किल में जुकरबर्ग, कर्मचारियों का भरोसा खोया - Mark Zuckerberg, Facebook Data Scam, Facebook Employee
- संतोष घोंगडे
 
फेसबुक डाटा घोटाले के बाद मार्क जुकरबर्ग की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां उनके खिलाफ आरोपों का सिलसिला थम नहीं रहा है, वहीं फेसबुक कर्मचारियों का भरोसा भी कंपनी से उठने लगा है। वे अब दूसरे विकल्प की भी तलाश में हैं। फ़ेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के बुधवार को आए बयान के बावजूद उनके खिलाफ आरोपों का सिलसिला थम नहीं रहा है।


जुकरबर्ग ने कहा कि फ़ेसबुक उन सभी यूजर्स से संपर्क करेगा, जिनका ड़ाटा एक पर्सनैलिटी क्विज़ एप के ज़रिए पॉलिटिकल ड़ाटा फ़र्म कैंब्रिज एनेलेटिका तक पहुंचा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा,  फ़ेसबुक ऐसे सभी थर्ड पार्टी क्विज़ एप का पता लगाएगी, जिन्होंने पहले भी हमारे यूजर्स का ड़ाटा अनुचित उद्देश्य के लिए प्राप्त किया। कैंब्रिज एनालिटिका पर इसराइल, नाइजीरिया, सेंट किट्स और नेविस के चुनाव अभियानों में भी डाटा उपलब्ध करने के आरोप लगे हैं।

इस बीच, लंदन के एक अखबार के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, कैंब्रिज एनालिटिका ने अभी तक प्राप्त ड़ाटा अपनी वेबसाइट से ड़िलीट नहीं किया है। फ़ेसबुक प्रतिनिधियों ने इस बात की पुष्टि की है कि फ़ेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका के प्रतिनिधियों के बीच कैंब्रिज एनालिटिका पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर चर्चा हुई जो कि एक सघन ऑड़िट प्रक्रिया के बाद औपचारिक सर्टिफ़िकेट लेकर हटाया जा सकता है।

स्वतंत्र शोधकर्ताओं के अनुसार जुकरबर्ग का बयान इस बात की स्वीकारोक्ति है कि यूजर्स का ड़ाटा किस प्रकार फ़ेसबुक के संचालन का आधार है और इस तरह उन्होंने एक बड़ी समस्या से बचने की कोशिश की है। एक ब्रिटिश मंत्री की चेतावनी के बाद ब्रिटेन की प्रमुख विज्ञापन कंपनियों ने फ़ेसबुक पर अपने विज्ञापन लगाने से हाथ पीछे खींच लिए हैं।

इन कंपनियों में यूनिलीवर और पीएंडजी जैसी कंपनियां शामिल हैं। ब्रिटिश मंत्री के अनुसार, फ़ेसबुक पर एक बिलियन ब्रिटिश पाउंड का जुर्माना लगाया जा सकता है। कई वित्तीय संस्थानों ने कहा कि वे फ़ेसबुक के शेयर्स खरीदना बंद कर देंगी और मौजूदा होल्डिंग्स की भी समीक्षा करेंगी। इस सबके चलते फ़ेसबुक कर्मचारियों में भी तनाव का माहौल बना हुआ है।

इस घटनाक्रम को 'DEMOROLAZING' (हतोत्साहित करने वाला) बताते हुए कुछ कर्मचारियों ने अन्य मैसेजिंग एप व्हाट्स एप और फ़ोटो शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम में अपना तबादला करवाने का मन बना लिया है। फ़ेसबुक की स्थापना के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा संकट है और इस संकट से निपटना कंपनी के लिए एक चुनौती है, क्योंकि इसका सीधा असर कंपनी की साख, उसके वित्तीय बाजार और अस्तित्व पर पड़ेगा। भारत से मिली सख्त चेतावनी के बाद कंपनी को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में मूलभूत बदलावों के साथ सुधारात्मक उपायों को तेजी से क्रियान्वित करने की जरूरत है।