गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
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सोशल मीडिया पर पनपते-फैलते फुर्सतिये, थोड़ा रूको भाई...

सोशल मीडिया पर पनपते-फैलते फुर्सतिये, थोड़ा रूको भाई... - blog on social media
वैसे तो सभी अपने मन के मालिक हैं, स्वतन्त्र देश के स्वतन्त्र नागरिक। फिर प्रजातंत्र के ‘भोगी’ और उस पर सोशल मीडिया के जबरदस्त “यूजर”। ये भी मनुष्यों की एक प्रजाति है जो दिन दुनी रात चौगुनी कहावत को भी पछाड़ने की कसम खा चुकी है और घर-घर गांव शहर सब जगह कैंसर कोशिकाओं की तरह गुणित गति से फैल चुकी है जो पैदा होने के पहले से ले कर सोलह संस्कारों व मरने के बाद तक के अलावा दिन-रात के अपने “कर्मों/कुकर्मों” का लेखा जोखा भी सोशल मीडिया पर ‘उंडेलती’ रहती है।  
 
ऐसी ही प्रजाति के इंसानों ने नया चलन शुरू किया है दूसरों द्वारा खुद के लिए शुभकामनाओं, बधाइयों का, स्टेटस/स्टोरी के स्क्रीन शॉट लेना, ऐसा का ऐसा ही खुद के स्टेटस/स्टोरी पर शेयर करना और उन्हें आभार देना, धन्यवाद प्रकट करना। बात यहीं नहीं रुक रही...उनकी टाइम लाइन पर कितने लोगों के बधाई सन्देश हैं उनके नोटिफिकेशन का स्क्रीन शॉट भी देखने में आए हैं। मैंने पहले ही कहा है कि सभी अपने मन के मालिक हैं...पर गजब फुर्सतिये हो जी...जीवन मशीन को ही समर्पित कर डाला। आसपास जिन्दा-जिंदगी, प्रकृति, घर-परिवार सबसे नाता तोड़ चुके हो क्या? और कुछ करने को है नहीं क्या? दिन-रात इसी भसड़ में जीवन बिता दे रहे हो। जीने आए हो कि रोबोट बनने?
 
किसी कार्यक्रम में गए वहां से खुद का अलग ही चैनल चला रहे। “लाइव”. खुद इस चक्कर में मुर्दा हो चले हैं, पता ही नहीं चला इन्हें...एक सरीखे लगत में फोटो, रील, स्टेटस, स्टोरी, वीडियो पेले जा रहे हैं...पोस्ट किये जार हे हैं। अरे भाइयों/बहनों थोड़ा मुंह ऊंचा करके सच्ची की जिंदगी भी जी लो। अपने लोगों को भी देख-बोल, जान-समझ लोगे के नहीं। यूंही अपनी मांओं के जीवन बर्बाद किए।कोई मोबाईल/लैपटॉप मशीन बन के ही इस धरती पर आ जाते। कोई गुनाह थोड़े ही हो जाता। ये काम तो उसमें और आसानी से कर पाते। जानते भी हो आप लोग अपनी  इस खूबसूरत जिंदगी का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा इस मशीन में गुजारे जा रहे हैं।

ये सूचना/जानकारी संग्रहण और विस्तारण तथा ज्ञान बटोरने का स्त्रोत है जिसे आपने अपनी अनभिज्ञता के चलते “सुलभ शौचालय” में तब्दील कर दिया है। खैर... हमें क्या करना...बस इतना है कि आपके व्यक्तित्व और विचारों के साथ आपके आभामंडल के भी दर्शनों का दुर्भाग्य/सौभाग्य प्राप्त होता रहता है. हमारा क्या है हम आप लोगों को ब्लॉक/अन्फ्रेंड/रिमूव/ग्रुप छोड़ने के आलावा और कुछ कर भी नहीं सकते। आप कुछ भी करें आपका जीवन...आपकी मर्जी...
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