मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ बात करने से बहुत आगे बढ़ चुका है। स्मार्ट फोनों के बाजार में आने के बाद से मोबाइल की जरूरत आश्चर्यजनक रूप बढ़ी है। मोबाइल पर होने वाले तमाम काम इसे साथ रखने के लिए मजबूर करते हैं। आप खुद भी या अपने आसपास हर जगह ऐसे लोगों को देखते होंगे, जो मोबाइल में डूबे नजर आते हैं। लोग या तो मोबाइल पर बातें करते हुए पाए जाते हैं या चैटिंग, सर्फिंग, गेमिंग और अनगिनत अन्य काम करते हुए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।
मोबाइल खासतौर पर स्मार्ट मोबाइल में बैटरी के डिस्चार्ज हो जाने की समस्या भी तुरंत पैदा हो जाती है। अधिकतर लोग शिकायत करते हुए मिल जाते हैं कि जैसे ही थोड़ा भी मोबाइल को इस्तेमाल करते हैं, बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है। मोबाइल के लिए चार्जर या तो हमेशा साथ रखना पड़ता है या फिर ऐसी जगहें जहां हम ज्यादा समय रहते हैं, जैसे घर और ऑफिस, अलग-अलग चार्जर रखना पड़ते हैं।
मगर इतना करने के बावजूद आराम नहीं है और मोबाइल को बार-बार चार्ज करने की जरूरत आ जाती है और कई बार ऐसे मौके सामने होते हैं, जब मोबाइल को चार्ज करते समय भी इस्तेमाल करना ही पड़ता है, उन सभी वार्निंग्स को भूलते हुए जिनमें यह साफ बताया जाता है कि इस दौरान मोबाइल का इस्तेमाल बहुत ही खतरनाक है, क्योंकि चार्ज होते वक्त मोबाइल का रेडिएशन 1,000 गुना बढ़ जाता है और इससे न केवल बैटरी को बल्कि आपको भी बहुत खतरा होता है और इसलिए ही चार्जर का तार इतना छोटा होता है जिससे कि आप इसे चार्ज होते समय इस्तेमाल न कर पाएं।
तो हम आपको बता दें यह मोबाइल से जुड़ा अकेला मिथक नहीं है बल्कि ऐसे कई और भी मिथक हैं, जो बड़े पैमाने पर सच समझे जाते हैं जबकि उनके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं होता है। हम आपको बताएंगे ऐसे जानकारियां जिससे आप अपने मोबाइल का दिल चाहे जब और जैसे चाहे
इस्तेमाल कर पाएंगे।
1. मिथक : बिना ब्रांड के चार्जर का इस्तेमाल करने से मोबाइल की बैटरी खराब हो जाती है?
हकीकत : बिना ब्रांड के चार्जर आपकी बैटरी को कोई नुकसान नहीं पहुचाते बस आपको ध्यान रखना है कि ये चार्जर किसी बांडेड कंपनी का इमिटेशन यानी कि वैसा ही दिखने वाला और वैसे ही स्पेलिंग में थोड़े फेरबदल के साथ लिखा हुआ चार्जर न हो। आप ऐसे चार्जर से अपने मोबाइल को कतई चार्ज न करें। शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि ब्रांडेड मोबाइल चार्जर आपकी मोबाइल की बैटरी के लिए सबसे ज्यादा अच्छे होते हैं, पर बिना ब्रांड के चार्जर भी बैटरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
2. मिथक : आपको अपना मोबाइल चार्ज करते समय इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
हकीकत : आराम से अपने मोबाइल का इस्तेमाल उस समय भी करें, जब वह चार्ज हो रहा हो। मोबाइल के चार्ज होते वक्त इस्तेमाल न करने की शुरुआत एक घटना के साथ हुई, जो चाइना में फ्लाइट अटेंडेंट के साथ 2013 में उस समय हुई, जब वह अपने एप्पल iphone-4 मोबाइल को चार्ज करते समय इस्तेमाल कर रही थी और वह फूट गया। इस घटना के विषय में यह तथ्य सामने आया कि हालांकि मोबाइल चार्ज पर लगा हुआ था, पर चार्जर कंपनी का ब्रांडेड चार्जर न होकर 'थर्ड पार्टी चार्जर' था। आपका मोबाइल चार्ज होते समय भी पूरी तरह से सुरक्षित है, जब तक कि आप कंपनी का चार्जर इस्तेमाल कर रहे हैं।
3. मिथक : मोबाइल को रातभर चार्ज करते रहने से आपकी बैटरी खराब हो जाती है?
हकीकत : आपका फोन सचमुच स्मार्ट फोन है, न सिर्फ दूसरे कामों के लिए बल्कि चार्ज होते हुए भी उससे कहीं ज्यादा जितना आप इसे स्मार्ट समझते हैं। एक बार इसकी चार्जिंग फुल हो जाती है तो स्मार्टली यह और चार्जिंग लेना बंद कर देता है मतलब अब बैटरी फुल मूड में पहुंच चुकी होती है। लेकिन आप फिर भी इसे अनप्लग करने पर थोड़ा ध्यान दीजिए और पूरी रात कई सारी रातों तक चार्जिंग पर मत छोड़िए। आप कोशिश कीजिए कि ज्यादातर आपका मोबाइल 40 से 80 प्रतिशत तक चार्ज रहे, ऐसा करना आपकी मोबाइल की बैटरी की उम्र बढ़ा देगा।
4. मिथक : आपको अपना फोन हमेशा स्विच ऑन रखना चाहिए।
हकीकत : भले ही मोबाइल एक मशीन है, पर इसे भी थोड़े ब्रेक की जरूरत होती है। एप्पल कंपनी से जुड़े एक विशेषज्ञ के अनुसार आपको अपना मोबाइल समय-समय पर स्विच ऑफ कर देना चाहिए, खासतौर पर जब आप सोने जाते हैं तब अगर इसे भी थोड़ा आराम मिल जाए तो बेहतर है। लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो एक हफ्ते में एक बार ही कम से कम इसे कुछ देर के लिए स्विच ऑफ कर दीजिए। ऐसा करने से आपके मोबाइल की बैटरी की लाइफ बढ़ जाएगी।
5. मिथक : अपने मोबाइल को बैटरी के 0 प्रतिशत होने के बाद ही चार्ज करें।
हकीकत : आपके फोन के लिए समय-समय पर की जाने वाली चार्जिंग ज्यादा लाभदायक है बजाय इसके कि आप इसे 0 प्रतिशत हो जाने के बाद चार्ज पर लगाएं। ब्रांडेड कंपनियों के मोबाइल की बैटरी लीथियम आयन की बनी होती है और अगर आप बार-बार 0 प्रतिशत बैटरी हो जाने के बाद चार्जिंग देते हैं तो बैटरी अनस्टेबल हो जाती है। आपके मोबाइल में एक निश्चित नंबर तक चार्जिंग हो सकती है और इसे 0 प्रतिशत से हमेशा शुरू करने से आप उन निश्चित नंबरों में से एक-एक नंबर कम करते जाते हैं।
एक बहुत ही खास तथ्य, जो कि वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है, वह यह है कि आपकी बैटरी को हीट से बहुत खतरा होता है, क्योंकि आपकी बैटरी, जो कि लीथियम आयन की बनी होती है खुद-ब-खुद गर्म हो जाती है और चार्ज करते समय इनका तापमान और भी बढ़ जाता है साथ ही साथ ज्यादा ठंडक भी बैटरी को हानि पहुंचाती है। इसलिए जहां तक हो सके कंपनियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए अपने मोबाइल का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से करें और मोबाइल से जुड़े मिथकों पर ध्यान न दें।