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Written By WD

दया का अधिकार

Kids world mercy pity | दया का अधिकार
महेंद्र देवांगन

जब एक हम्माल बोझा ढोता है,
थककर चूर हो जाता है,
उसकी साँस फूलती है।
मुझे उस पर दया आती है।
ताँगे में जुता हुआ घोड़ा,
दस लोगों का वजन ढोता है
उसके मुँह से झाग निकलते हैं।
मुझे उस पर दया आती है।
एक व्यक्ति सर्कस में शेर को,
कोड़ेमार करतब कराता है,
वह दर्द से दोहरा होता है।
मुझे उस पर दया आती है।
एक गधा अपनी पीठ पर,
मालिक का बोझा ढोता है,
वह भी थक-थक जाता है।
मुझे उस पर दया आती है।
एक बैल बैलगाड़ी में जुतकर,
वजन मुश्किल से उठाता है,
उसकी जान साँसत में आती है।
मुझे उस पर दया आती है।
मैं भी अपने वजन से कुछ कम,
बोझ का बस्ता ढोता हूँ।
हम्माल सी मेरी साँसें फूले,
घोड़े से झाग आते हैं।
रिंग मास्टर से अध्यापक हैं,
गधा कह वे मुझे बुलाते हैं।
बैल सा होमवर्क करता हूँ तो,
जान साँसत में आती है।
मैं तो सब पर दया बरसाता,
मुझ पर किसे दया आती है?