शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. मकर संक्रां‍ति
  4. Makar Sankranti 2018

मकर संक्रांति : इस दिन किया दान लौट कर आता है

मकर संक्रांति : इस दिन किया दान लौट कर आता है - Makar Sankranti 2018
काशी पंचांग के अनुसार भगवान भास्कर दिनांक 14 जनवरी 2018 दिन रविवार को रात्रि 7 बजकर 35 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। धर्मशास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद लगने वाली संक्रांति का पुण्यकाल दुसरे दिन मध्याह्न काल तक रहता है अतः मकर संक्रांति दिनांक 15  जनवरी 2018 को भी सर्वत्र अपनी-अपनी विविध परंपराओं के साथ मनाया जाएगा। इसी दिन भगवान भास्कर उत्तरा पथगामी हो जाएंगे।  
 
सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अंतराल पर होती है। भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है अर्थात् भारत से अपेक्षाकृत अधिक दूर होता है। इसी कारण यहां पर रात बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है। किन्तु मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की तरफ आना शुरू हो जाता है। इस दिन से रात छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। 
 
दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा तथा रात्रि छोटी होने से अंधकार कम होगा। अत: मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतना एवं कार्यशक्ति में वृद्धि होती है। इसीलिए संपूर्ण भारतवर्ष में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना, आराधना एवं पूजन कर, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जाती है। 
 
इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। निम्न श्लोक से स्पष्ट होता है...
 
माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम।
स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥
ये भी पढ़ें
क्यों और कैसे मनाते हैं लोहड़ी पर्व, आप भी जानिए