मंदसौर। मध्यप्रदेश में किसानों का उग्र प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारी गुट द्वारा बसों में तोड़फोड़ आग लगाए जाने के बाद मौके पर पहुंची सीआरपीएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। इस दौरान वहां गोलीबारी भी हुई इसमें 5 किसानों की मौत हो गई। किसानों के आंदोलन को उग्र होते देख उज्जैन संभाग के आस पास के जिलो में इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, मंदसौर नीमच रोड पर बही के पास गुस्साए किसानों ने 10 से ज्यादा ट्रकों में आग लगा दी। उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों पर पथराव भी किया। हालात बेकाबू होने पर सीआरपीएफ के जवानों ने गोलीबारी की। गोलीबारी में तीन की मौत हो गई है। दो घायलों ने इलाज के इंदौर जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। खबरों के मुताबिक मंदसौर में कर्फ्यू लगाया गया है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सीआरपीएफ द्वारा दी गई गोलीबारी से किसानों की मौत हो गई। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। दोनों पक्षों में आपसी पथराव के बाद 4 किसानों को गोली लगी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सीआरपीएफ द्वारा गोली चलाई गई गोली से दो किसानों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मंदसौर में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को एक एक लाख का मुआवजा देने की भी घोषणा की।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा कि मंदसौर में पुलिस फायरिंग में फिर एक किसान की मौत, कुछ देर पहले भी हुई थी एक किसान की मौत। शिवराजजी किसानों का इम्तहान मत लो। इस बीच मंदसौर में किसानों की मौत के बाद बिगड़े हालात के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज ने बुलाई आपात बैठक। मुख्यमंत्री निवास पर चल रही इस बैठक में मुख्य सचिव और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद।
दलौदा में मंगलवार सुबह किसानों ने फिर जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर जाम को खुलवाया। इस पर नाराज प्रदर्शनकारियों ने दो बसों और एक टेम्पो में तोड़फोड कर आग लगा दी। जिले के डिगाव में भी सीतामऊ रोड पर जाम लगाने की कोशिश हुई। यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने अश्रु गैस के गोले छोड़े। सुवासरा में किसान और व्यापारियों के बीच विवाद की खबर है। किसानों ने दलौदा में रेलवे फाटक तोड़ दिया था और पटरियां उखाड़ने की कोशिश की। किसानों ने आज नीमच जिले में भी बंद का आह्वान किया है, वहीं मप्र में किसानों के आंदोलन को उग्र होते देख उज्जैन संभाग के आस पास के जिलो में इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी गई है। इंदौर में हजारों किसानों के कलेक्टोरेट में पहुंच कर प्रदर्शन किया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 1 जून से हो रही किसानों की हड़ताल अब राजनीतिक रूप लेती जा रही है। मंगलवार को हड़ताल के 6वें दिन राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ लोगों किसानों की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे हैं। किसानों को भड़काने और उनकी आड़ में राजनीति करने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए कोई केस पुलिस वापस नहीं लेगी।
मध्यप्रदेश में पिछले कई दिन से लगातार जारी किसानों के आंदोलन के उग्र होने के बीच भारतीय किसान संघ ने आज साफ कर दिया कि संगठन किसी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधि में शामिल नहीं है।
भारतीय किसान संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित ने कहा कि संघ किसी प्रकार की हिंसा, आगजनी और ऐसे अन्य मामलों में शामिल नहीं है। जो लोग ऐसे आंदोलन में शामिल हैं, किसानों को ऐसे लोगों से गुमराह नहीं होना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। लेकिन, कुछ राजनीतिक दल किसानों की आड़ में अपना मकसद पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग किसानों की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे हैं, जो लोग ऐसा करते हुए पकड़े उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
इससे पहले मंदसौर पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी ने बताया कि कल देर रात प्रदर्शनकारियों ने दलौदा में एक रेलवे फाटक को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पटरियों की कनेक्टर क्लिप निकालने की कोशिश करते हुए पटरियां हटाने का भी प्रयास किया। इस प्रकार के उग्र प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और अश्रु गैस के गोले छोड़ कर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटवाया।
त्रिपाठी ने बताया कि रेल कर्मचारियों ने फौरन स्थिति संभालते हुए मरम्मत की, जिसके बाद रेल यातायात सुचारू हो गया। मामले में पुलिस और रेलवे पुलिस बल ने कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कल रात ही मंदसौर के पिपल्यामंडी में भी किसानों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। इस संबंध में भी कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
त्रिपाठी के मुताबिक प्रदर्शनकारी किसान दुकानें बंद करवाने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान एक व्यापारी से उनकी झड़प हो गई। दोनों पक्षों में मारपीट हो गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के बाहर रखे टायरों समेत कुछ और सामान भी जला दिया। प्रदर्शनकारियों के पथराव के बाद पुलिस ने अश्रु गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद स्थिति काबू में आ सकी।
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामले पुलिस वापस नहीं लेगी। वहीं, भारतीय किसान संघ ने ऐलान किया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।