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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 20 मार्च 2020 (09:09 IST)

MP govt crisis : आंकड़ों में पिछड़ने के बाद इस्तीफा दे सकते हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ, फ्लोर टेस्ट में सरकार पर संकट के बादल?

MP govt crisis : आंकड़ों में पिछड़ने के बाद इस्तीफा दे सकते हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ, फ्लोर टेस्ट में सरकार पर संकट के बादल? - Madhya Pradesh CM kamalnath to resign ahead of SC mandated floor test
भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 17 से चल रहे सियासी ड्रामे का पटाक्षेप आज हो जाएगा। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद आज दोपहर 2 बजे सदन में फ्लोर टेस्ट होगा। विधानसभा सचिवालय की तरफ से आधी रात के बाद जारी कार्यसूची में सदन में में 2 बजे फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है।
 
इस बीच रात भर चले सियासी ड्रामे में विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजपाति ने कांग्रेस के बागी 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकर कर लिए है। इस बीच चौंकाने वाले गेमप्लान में भाजपा के विधायक शरद कोल का इस्तीफा भी विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है। वहीं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने एक बार फिर दावा किया कि वह सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार है। पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार बहुमत की सरकार है कि आज सदन में एक बार फिर साबित होगा।  
 
इस्तीफा देंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ  ? – इससे पहले प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर आज मुख्यमंत्री कमलनाथ दोपहर बारह बजे प्रेस क्रॉफेंस करेंगे। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी प्रेस क्रॉफेंस में प्रदेश की जनता के सामने पूरे घटनाक्रम को सामने रखेंगे। इसके बाद वह सीधे विधानसभा पहुंचेंगे। वहीं अटकलें इस बात की भी है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी प्रेस कॉफेंस में इस्तीफा देने  का भी एलान कर सकते है।
 
विधानसभा में सरकार बचाने का मैजिक नंबर – विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के देर रात 17 विधायकों के  इस्तीफे के बाद अब सदन की सदस्य संख्या 205 रह गई है है। जिसमें सरकार बचाने का मैजिक नंबर 103 हो गया है। जिसमें कांग्रेस के खुद के विधायकों की संख्या 92 है और उसे 4 निर्दलीय विधायकों के साथ सपा के 1 और बसपा के 2 विधायकों का समर्थन मिल सकता है। इसके साथ सदन में कांग्रेस के खेमे के विधायकों की संख्या 99 तक पहुंच जाती है। वहीं पिछले कई दिनों से कांग्रेस के खेमे में बराबर नजर आने वाले मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का सदन में भी हद्रय परिवर्तन देखने को मिल सकता है। 
 
वहीं अगर विपक्ष की बात करें तो भाजपा के अपने सदस्यों की संख्या 107 थी लेकिन शरद कोल के इस्तीफे और नायारण त्रिपाठी के विरोध खेमे में होने से सदन में उसके विधायकों की संख्या 105 है जो भी सत्ता पक्ष की अपेक्षा संख्याबल में  2 अधिक है। ऐसे में अब सबकी नजर सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर टिक गई है।