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Last Updated : सोमवार, 29 जुलाई 2019 (21:48 IST)

Weather Updates : मध्यप्रदेश में 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी, ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर

Weather Updates। मध्यप्रदेश में 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी, ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर - Heavy Rain In Madhya Pradesh
भोपाल। मौसम विभाग ने 48 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है जिसमें इंदौर समेत पूरा मालवा क्षेत्र तरबतर होगा। प्रदेश में भारी बारिश से जहां एक ओर जहां बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बहने से बाढ़ के हालात बन गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश से श्योपुर में प्राचीन किले की दीवार ढह गई।
 
इन शहरों में भारी बारिश की चेतावनी : मौसम विज्ञान भोपाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरआर त्रिपाठी ने बताया कि 48 घंटों के दौरान इंदौर, उज्जैन, धार, आलीराजपुर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, राजगढ़, गुना, आगर, अशोकनगर, श्योपुर, शाजापुर, होशंगाबाद, हरदा, विदिशा, सीहोर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, अनूपपुर और डिंडोरी जिलों में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश होने की आज चेतावनी दी है।
 
बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर : बुरहानपुर जिले में भारी बारिश के चलते ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है और नदी का पानी शहर के निचले हिस्सों में घुसने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। ताप्ती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश से नदी का जलस्तर 230.800 मीटर तक पहुंच गया है जबकि खतरे का निशान 220.800 मीटर है।
प्रभारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी काशीराम बडोले ने बताया कि बुरहानपुर में बाढ़ के हालात को देखते हुए निचले क्षेत्रों से नागरिकों से हटाया जा रहा है। इसके लिए 7 अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं। लगातार बारिश से बुरहानपुर में अंतरप्रांतीय इच्छापुर-इंदौर राजमार्ग पर शासकीय‍ विश्रामगृह के सामने नाले पर बनी पुलिया का बड़ा हिस्सा धंसने से मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र के बीच सड़क यातायात प्रभावित हुआ है।
 
भारी बारिश से श्योपुर में प्राचीन किले की दीवार ढही : भारी बारिश के चलते श्योपुर जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन किले की दीवार आज सोमवार को ढह गई। पुरातत्व विभाग के सूत्रों ने बताया की किले में स्थित गुरु महल और बाला किले के मुख्य प्रवेश द्वार के बीच की करीब 90 फीट लंबी व 45 फीट ऊंची पत्थर की प्राचीन दीवार 4 दिन से हो रही बरसात के कारण कमजोर होकर ढह गई।
 
यह किला सिंधिया व गौंड राजाओं के आधिपत्य में रहा है और इसकी नक्काशी व खूबसूरती सीप नदी के किनारे देखते ही बनती है। इस किले में सहरिया जनजाति का संग्रहालय भी मौजूद है।
 
रेलमार्ग पांचवें दिन भी ठप : श्योपुर जिले में पिछले 4 दिनों से हो रही भारी बरसात से नैरोगेज रेलखंड के कालिया नदी पुल के कमजोर होने से रेलमार्ग आज 5वें दिन भी ठप रहा और राजस्थान का कोटा मार्ग भी पार्वती नदी के उफान से 4 दिन से बाधित है।
 
सूत्रों ने बताया कि पिछले 5 दिनों में 25 गाड़ियों का फेरा श्योपुर तक नहीं लगा और वे रद्द रहीं या सबलगढ़ तक चलीं। श्योपुर को राजस्थान के कोटा व अन्य जगहों को जोड़ने वाले राजमार्ग पर पार्वती नदी में उफान के चलते पुल पर पानी होने से चौथे दिन भी अवरुद्ध है जिससे बड़ी संख्या में वाहन फंसे हैं।
 
खंडवा में सबसे ज्यादा 150 मिमी बारिश : प्रदेश में आज सोमवार को खंडवा में सबसे ज्यादा 150 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। खरगोन में 117, उज्जैन में 11, मंडला, मलाजखंड में 13, नरसिंहपुर में 12, बैतूल में 6 मिमी तथा होशंगाबाद एवं पचमढ़ी में 5 मिमी वर्षा हुई।

पिछले 24 घंटों के दौरान भी सागर एवं जबलपुर संभाग में कई स्थानों पर वर्षा हुई जिसमें बदनावर में 110 मिमी, खंडवा में 100, लटेरी, देपालपुर एवं खजुराहो में 90, सिरोंज, भैंसदेही में 70 तथा बड़नगर, पचमढ़ी एवं सीहोर में 60 मिमी वर्षा हुई है।
 
खंडवा में भी पिछले 2 दिनों से हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां आज सोमवार को भी जमकर पानी बरसा है। दूसरी ओर राजगढ़ जिले में कल रविवार को उफनाते नदी-नालों में बहे 3 लोगों का आज भी पता नहीं चला है। राजगढ़ संवाददाता के अनुसार पुलिस की टीम कल रविवार शाम से इन लोगों की तलाश कर रही है।
 
राजधानी भोपाल में आज सुबह बारिश की तेज बौछारें पड़ीं। बाद में दोपहर तक रुक-रुककर वर्षा होती रही। यहां 33.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों में बारिश होने के आसार है।
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