2023 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को टूट का डर, राज्यसभा चुनाव में उलटफेर की संभावना
भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरु होने के साथ एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मध्यप्रदेश में भी लंबे समय से उपेक्षित और पार्टी से नाराज चल रहे कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी है। ऐसे में अब जब 2023 का विधानसभा चुनाव बहुत दूर नहीं है तब कांग्रेस के कई नेताओं के टिकट के लिए भाजपा के संपर्क में होने की खबरें भी खूब चर्चा में है।
गृहमंत्री के मुरीद कांग्रेस विधायक-ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक का इन दिनों भाजपा नेताओं के प्रति उमड़ रहा प्रेम कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। रविवार को एक कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने मंच से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसा विद्वान नेता पूरे मध्यप्रदेश में नहीं। भगवान परशुराम की शोभा यात्रा के कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा “अपने समाज का मंत्रालय कभी बदलने वाला नहीं है,अपने गृहमंत्री भी यही है, डीजीपी भी यही है और मुख्यमंत्री भी यही है”।
नेताओं के अपने-अपने दावे-चुनाव से ठीक पहले दोनों ही पर्टियों के नेताओं के विधायकों को लेकर अपने-अपने दावे है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह कहते है कि आज पूरी कांग्रेस एकजुट और कांग्रेस के सभी विधायकों से उनका संपर्क है। वहीं गोविंद सिंह दावा करते हुए कि उनके संपर्क में कई भाजपा नेता और विधायक है जो कांग्रेस पार्टी से टिकट चाहते है। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहते हैं कि बहुत जल्द अधिकांश जिले ऐसे होने वाले है जहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं रहेगा।
कमलनाथ ने संभाली एकजुटता के लिए कमान- 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में किसी संभावित डैमेज को रोकने के लिए कमलनाथ खुद सक्रिय हो गए है। पार्टी अपने 245 पूर्व विधायकों की सूची तैयार कर उनको चिट्ठी और फोन से फिर से संपर्क साधने जा रही है। खास बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद इन नेताओं से संपर्क कर इनके घर जाएंगे। चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ की इस कवायद को पार्टी को एकजुट कोशिश करने की कोशिश माना जा रहा है। दरअसल चुनाव से ठीक पहले कमलनाथ पार्टी के पूर्व विधायकों से संपर्क कर पार्टी को जमीन पर मजबूत करना चाहते है। इसके साथ कमलनाथ चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने की कोशिश भी कर रहे है। असल में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ पार्टी में गुटबाजी दूर कर पूरी पार्टी को एकजुट कर एक नई जान फूंकने की कोशिश कर रहे है।
ऐसे में अब जब मध्यप्रदेश में आज से राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरु हो गई है। तब देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2020 के राज्यसभा चुनाव की तरह कांग्रेस में फिर एक बड़ी टूट नजर आएगी या फिर कांग्रेस अपना घर मजबूत रखते हुए 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देगी।