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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शुक्रवार, 22 जनवरी 2021 (09:59 IST)

मध्यप्रदेश में शराब पर सरकार से लेकर भाजपा तक बंटी, आबकारी आयुक्त ने नई दुकानों के लिए कलेक्टरों से मांगा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री नई शराब दुकानें खोलने के किसी भी प्रस्ताव से कर चुके है इंकार

मध्यप्रदेश में शराब पर सरकार से लेकर भाजपा तक बंटी, आबकारी आयुक्त ने नई दुकानों के लिए कलेक्टरों से मांगा प्रस्ताव - Differences between BJP and government on opening of new liquor shops in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से लेकर सरकार तक शराब को लेकर बंटी हुई दिखाई दे रही है। प्रदेश भाजपा के तीन बड़े नेताओं के शराब को लेकर अलग-अलग बयान सामने आने के बाद अब प्रदेश में नई शराब नीति को लेकर भी बहस का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री जहां नई शराब दुकान खोलने के किसी भी प्रस्ताव से साफ इंकार कर रहे है वहीं आबकारी आयुक्त ने जिलों के कलेक्टरों से नई शराब दुकानें खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांगे है।

मुरैना शराब कांड के बाद नई शराब दुकानों को खोलने पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परस्पर विरोधाभासी बयान सामने आने के बाद अब इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती की भी एंट्री हो गई है। मुरैना शराबकांड के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि ऐसी घटना अवैध शराब के बिकने से होती है इसलिए वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नई शराब नीति में दूरदराज इलाकों में शराब की दुकानें खोले जाने की मांग करेंगे।  
 
गृहमंत्री के नई शराब दुकानें खोले जाने की बात पर जब कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे आकर साफ किया कि प्रदेश में नई शराब दुकानें खोले जाने का अभी कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। 
 
इस पूरे मामले को लेकर आज फिर जब गृहमंत्री से मीडिया ने सवाल पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि वह अपनी बात पर कायम है। उन्होंने कहा कि “प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए मैंने दुकानों की संख्या बढ़ाने की तर्क सम्मत बात सबके सामने रखी है। इस पर अंतिम निर्णय लेने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री को है। इस बारे में मतभेद जैसी कोई बात नहीं है”।
 
सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री के दो टूक नई शराब नहीं खोलने के बयान को मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बीच मतभेद से जोड़कर देखा जा रहा था। इस बीच गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने  मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग उठाकर एक नई बहस छेड़ दी। इसके साथ ही उमा भारती ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि शराब माफिया के दबाव में शराब बंदी नहीं हो पाती है।
 
नई दुकानें खोलने के लिए कलेक्टर से मांगा प्रस्ताव-सियासत के साथ सरकार भी नई शराब की दुकानों पर बंटी हुई दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बार-बार कह रहे है कि नई शराब की दुकानें खोलने को लेकर अभी कोई प्रस्ताव विचाराधानी नहीं है तो दूसरी ओर आबकारी आयुक्त की ओर से जिलों के कलेक्टरों को पत्र भेजकर नई दुकानें खोलने के बारे में प्रस्ताव मांगे गए है।

आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे की ओर से कलेक्टरों को भेजे पत्र में शहरी क्षेत्रों में कम से कम 20 नई दुकानें खोलने और पांच हजार की आबादी वाले गांवों में जहा सरकारी शराब की दुकानें नहीं है वहां दुकान खोले जाने का प्रस्ताव अनिवार्य रुप से मांगा गया है। ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हो रहा है कि क्या नई शराब नीति को लेकर भी क्या सरकार के अंदर भी मतभेद है या सरकार कुछ छुपा रही है।