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Last Updated : गुरुवार, 21 मार्च 2024 (18:01 IST)

कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने छोड़ी कांग्रेस,भाजपा में शामिल होने की अटकलें

कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने छोड़ी कांग्रेस,भाजपा में शामिल होने की अटकलें - Deepak Saxena, close to Kamal Nath, left Congress
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिशन 29 के टारगेट के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा लगातार छिंदवाड़ा में कमलनाथ के करीबीयों को पार्टी में शामिल कर रही है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेहद करीबी और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। दीपक सक्सेना के जल्द बेटे के साथ भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी को  चिट्ठी में कहा, ''सन् 1974 से कांग्रेस का सदस्य रहा हूं। सन् 1990 से 7 बार विधानसभा चुनाव लड़ा एवं कोऑपरेटिव बैंक का अध्यक्ष रहा हूं। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी दिग्विजय सिंह के साथ 5 वर्ष तक साथ सह-सचिव पद पर रहा हूं। मुझ जैसे किसान परिवार के छोटे व्यक्ति पर स्व. राजीव गांधी, सोनिया गांधी और कमलनाथ ने विश्वास कर दायित्व दिया. जिसके लिए मैं सदैव कांग्रेस पार्टी के लिए ऋणी रहूंगा।

दीपक सक्सेना ने इस्तीफा देने का कारण बताते हुए पत्र में लिखा "वर्तमान में व्यक्तिगत परेशानियों के कारण कांग्रेस पार्टी की जबावदारी निर्वाहन नहीं कर पा रहा हूं. अतः मेरा कांग्रेस से त्याग पत्र स्वीकार करने का कष्ट करेंगे।''

कमलनाथ को भेजी चिट्टी-कमलनाथ के करीबी नेता के तौर पर गिने जाने वाले दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ कमलनाथ के विधायक प्रतिनिधि पद से भी इस्तीफा दिया। दीपक सक्सेना ने कमलनाथ को भी चिट्ठी भेजी है. उन्होंने कहा, ''आपके द्वारा मुझ जैसे किसान पर विश्वास एवं भरोसा कर सक्रिय राजनीति में जोडने एवं परिवार का सदस्य मानने के लिये मैं सदैव आपका ऋणी एवं आभारी रहूंगा।.

आपके द्वारा मुझे राजनीति में सकिय कर अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छिंदवाडा, कांग्रेस पार्टी की ओर से मुझे विधायक उम्मीदवार बनाया गया । मध्य प्रदेश शासन में कांग्रेस सरकार के दौरान दो बार मंत्री भी बनाया गया। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में चुनाव हारने के बाद भी आपके द्वारा मुझ पर भरोसा कर पुनः विधानसभा उम्मीदवार बनाया गया।

उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मुझे दो बार विधायक प्रतिनिधि भी बनाया गया जिसके लिये मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा। मेरा परिवार सदैव आपका ऋणी रहेगा, वर्तमान परिस्थिति में मैं अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकूंगा, जिसके कारण मैं विधायक प्रतिनिधि एवं संगठन के सभी पदों से त्याग पत्र दे रहा हूं, जिसे स्वीकार करने का कष्ट करेंगे।