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Last Updated :भोपाल , रविवार, 24 सितम्बर 2017 (12:07 IST)

यहां हर दूसरे बच्चे का नाम 'मोदी' के नाम पर

यहां हर दूसरे बच्चे का नाम 'मोदी' के नाम पर - Child name on PM Modi
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े महिला अस्पताल में हर दूसरे नवजात का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा जा रहा है।
 
भोपाल के सुल्तानिया जनाना अस्पताल के अधीक्षक डॉ. करन पीपरे का मानना है कि बच्चों का नाम उन्हें संस्कारी और महान बनाने में अहम योगदान देता है और इसलिए वह हर प्रसूता और उसके परिजन को अपने बालक शिशु का नाम 'नरेंद्र' रखने का परामर्श दे रहे हैं। बहुत से परिजन अब तक उनके सुझाव पर अपने बच्चे का नाम नरेंद्र रख भी चुके हैं।
 
अपने बच्चे का नाम नरेंद्र रखने वाली ओबेदुल्लागंज निवासी सविता परमार ने बताया कि उनका बच्चा चहुंओर नाम कमाए, इसलिए उन्होंने अपने बच्चे का नाम कार्ड में नरेंद्र ही दर्ज करवाया है। सविता के परिजन ने भी इस नाम पर अपनी सहमति जताई।
 
डॉ. पीपरे ने कहा कि अच्छे नाम से अच्छे संस्कार बनते हैं। नरेंद्र का अर्थ 'नरों में इंद्र' है, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नाम को सार्थक करते हुए दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं, लोग नासमझी में बच्चे का नाम कुछ भी रख लेते हैं, जो बाद में उसके लिए हास्यास्पद हो जाता है। ग्रामीण बच्चे का नाम रखने के बारे में पूछते हैं, अगर हम किसी को अपने बच्चे का नाम नरेंद्र रखने का सुझाव दे रहे हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं। परिजन को भी ये नाम पसंद आ रहा है, अब तक करीब 30 बच्चों का नाम परिजन नरेंद्र रख चुके हैं।
 
भोपाल के पुराने शहर में स्थित इस अस्पताल में प्रसूति के लिए आने वाली महिलाओं में एक बड़ी संख्या मुस्लिम महिलाओं की होती है। हालांकि डॉ. पीपरे का दावा है कि किसी भी विवाद से बचने के लिए उन्होंने उस समुदाय के किसी भी व्यक्ति को अपने बच्चे का नाम नरेंद्र रखने का सुझाव नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को वे सुल्तान या ऐसा ही दूसरा 'पाक' नाम रखने का सुझाव देते हैं।
 
डॉ. पीपरे ने गत स्वतंत्रता दिवस से बच्चों का नाम सुझाने और रखवाने की ये मुहिम शुरु की, उनका दावा है कि वे कई बच्चों को अब तक भगत सिंह, सुखदेव और शिवराज भी नाम दे चुके हैं।
 
अस्पताल अधीक्षक इसके अलावा बच्चियों को दुर्गा, लक्ष्मी और इंदिरा जैसे नाम भी दे रहे हैं, लेकिन अक्सर अपनी अव्यवस्थाओं के चलते सुर्खियों में रहने वाले इस अस्पताल के अधीक्षक के बालक शिशुओं के लिए 'नरेंद्र' नाम पर ज्यादा जोर देने के कदम ने एक नई राजनीतिक बहस को भी जन्म दे दिया है। कांग्रेस एक शासकीय अधिकारी के इस कदम को 'चाटुकारिता की पराकाष्ठा' और अनुशासनहीनता करार दे रही है।
 
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि अस्पताल अधीक्षक ने चाटुकारिता की हदें पार कर दी हैं। धनोपिया ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अस्पताल अधीक्षक को इस पहल की अपने घर से शुरुआत करते हुए सबसे पहले अपने बच्चों का नाम 'नरेंद्र मोदी' रख लेना चाहिए।
 
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर के मुताबिक ये सही है कि चित्र से ही चरित्र बनता है, हालांकि जिसका जो काम है, उसे वो ही करना चाहिए।
 
महिलाओं के लिए राजधानी के इस सबसे बड़े अस्पताल में पिछले दिनों एक प्रसूता का अस्पताल के टॉयलेट में ही प्रसव हो गया था, नवजात शिशु करीब एक घंटे तक कमोड में ही फंसा रहा, जिसके बाद अगले दिन उसकी मौत हो गई थी। इसी अस्पताल में इसके पहले एक प्रसूता और उसका नवजात पलंग टूटने के चलते बुरी तरह घायल हो गए थे। (वार्ता)