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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 12 नवंबर 2022 (08:42 IST)

मिशन 2023 मध्यप्रदेश के लिए भाजपा और कांग्रेस तैयार कर रही 'साइबर सेना'!

मिशन 2023 मध्यप्रदेश के लिए भाजपा और कांग्रेस तैयार कर रही 'साइबर सेना'! - BJP and Congress preparing 'Cyber ​​Army' for Mission 2023 Madhya Pradesh
भोपाल। चुनाव में सोशल मीडिया आज सियासी दलों का एक बड़ा चुनावी हथियार बन गया है। आज चुनाव के समय वोटरों को प्रभावित करने में सोशल मीडिया एक टूल के रूप में इस्तेमाल होता है। मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों ने चुनावी शंखनाद कर दिया है। मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी सोशल मीडिया विंग को मजबूत करने में लगी हुई है।

दोनों ही राजनीतिक दलों का फोकस चुनाव से पहले अपनी सोशल मीडिया विंग को मजबूत करना है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को मात देने के लिए बूथ स्तर पर अपनी साइबर सेना उतारने जा रहीं हैं।

सोशल मीडिया पर सुघोष अभियान का आगाज- बूथ स्तर पर सोशल मीडिया को मजबूत करने के लिए भाजपा ने प्रदेश में सुघोष अभियान शुरु किया है। जिसके तहत बूथ स्तर पर युवाओं की सायबर सेना तैयार की जाएगी। भाजपा सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों तक केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम कर उनतक अपनी पहुंच बनाएगी। इसके लिए पार्टी ने सुघोष अभियान का आगाज किया है। इस अभियान के तहत 65 हजार बूथों पर सोशल मीडिया और आईटी के लिए एक-एक कार्यकर्ता तैनात किया जाएगा।

भाजपा का दावा है कै कि सुघोष अभियान देश भर में ऐसा पहला ऐसा डिजिटल अभियान है जिसमें भाजपा आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग प्रदेश के हर बूथ से दो कार्यकर्ता को प्रशिक्षित करेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 2023 में सुघोष महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। युवा जमीन पर उतरकर हर बूथ पर कमान सम्भालेंगे और प्रत्येक बूथ पर उतरकर कमाल खिलाएगा। यह पूरे मध्य प्रदेश भर के नौजवानों का शंखनाद है। इस अभियान के लिए सभी बूथ और मंडल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

वीडी शर्मा ने आगे कहा कि आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग का सुघोष अभियान हर बूथ तक पहुंचेगा। यह अभियान समाज में नकारात्मकता फैलाने वाली उन ताकतों को जवाब देगा, जो समाज को बांटने का काम करती है। इस अभियान से संगठन का विचार और सरकार की योजनाएं बूथ तक पहुंचेगी।

कांग्रेस का पलटवार का पूरा प्लान तैयार- वहीं कांग्रेस इन दिनों सोशल मीडिया को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस अपने सोशल मीडिया विंग को मजबूत करने में लगातार जुटी है और नए लोगों को जोड़ रही है। पार्टी सोशल मीडिया विभाग में उनको ही मौका देगी जो प्रतिदिन पार्टी को 4 घंटे से अधिक का समय देंगे और फ़ेसबुक,ट्विटर एवं इन्स्टाग्राम पर 5 से अधिक पोस्ट प्रतिदिन कर सकेंगे।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया में नियुक्ति के लिए जो मापदंड तय किये हैं उसके अनुसार पद के इच्छुक व्यक्ति के पास ट्विटर एवं इन्स्टाग्राम पर सक्रिय अकाउंट होना चाहिए, फेसबुक पर न्यूनतम 4000 फ्रेंड/फालोवर, ट्विटर पर न्यूनतम 200 फालोवर, इन्स्टाग्राम पर न्यूनतम 500 फालोवर और अपने क्षेत्र के 100 से अधिक व्हाट्सअप ग्रुप का मेंबर भी होना चाहिए। 

कांग्रेस ने पिछले दिनों ग्वालियर-चम्बल संभाग की सोशल मीडिया इकाइयों को भंग करने के बाद नई नियुक्ति के लिए जो मापदंड निर्धारित किये वह यह बताता है कि कांग्रेस सोशल मीडिया के मोर्च पर भाजपा को चुनौती देने की हर कोशिश कर रही है।

इसके साथ कांग्रेस पार्टी अब किसी को भी अपना पदाधिकारी बनाने के पूर्व उसकी सोशल मीडिया पर पिछली गतिविधियों की भी गहनता से छानबीन करेगी। पिछले उपचुनाव, नगर निगम चुनाव एवं पंचायत चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में किये कार्यों का भी समुचित आकलन और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने को भी आधार माना जाएगा।
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