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Written By कीर्ति राजेश चौरसिया
Last Updated : गुरुवार, 21 नवंबर 2019 (10:22 IST)

17 लाख का बिल देखकर उड़े किसान के होश, बिजली विभाग की मनमानी से परेशान

17 लाख का बिल देखकर उड़े किसान के होश, बिजली विभाग की मनमानी से परेशान - Arbitrary power department
ईशानगर (छतरपुर)। पिछड़े बुंदेलखंड में किसानों की बदहाली की कहानी किसी से छुपी नहीं है। आए दिन किसानों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो किसान को हर स्तर पर परेशानी और संघर्ष झेलना पड़ता है। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ईशानगर विकासखंड क्षेत्र के कई गांवों में किसानों को बिजली के भारी झटके लग रहे हैं। यहां के किसानों को भारी-भरकम राशि के बिल आ रहे हैं।
सीगोंन में गरीब किसान के घरेलू बिजली कने‍क्शन का बिल लाखों रुपयों में आया है। वह भी 1, 2, 3 नहीं बल्कि पूरे 17 लाख रुपए का! इतनी बड़ी राशि का बिजली बिल देखकर किसान गश्त खाकर गिर गया। बिल की राशि देखकर गांव सहित इलाके में हड़कंप मच गया।
 
बिजली कंपनी ने किसान के घरेलू कनेक्शन का 16,86,092 लाख रुपए बिल थमा दिया है। इसके पहले इस परिवार का बिजली बिल अधिकतम 100 से 200 रुपए तक ही आता था। इतना भारी-भरकम बिल आने से किसान और ग्रामीण चिंता और भ्रम की स्थिति में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है क्या करें?
 
मलखान काछी पिता दीनदयाल काछी निवासी सीगोंन के मुताबिक उसने घरेलू बिजली कनेक्शन 5 वर्ष पूर्व कराया था। बिल हर महीने जमा करवा दिया जाता है। उसके पूरे घर में महज 2-4 CFL बल्ब हैं। इस बार 3 माह से बिल नहीं आया तो मैंने ऑनलाइन बिल निकलवाकर पैसा जमा करना चाहा तो बिल की राशि (16,86,092 लाख) देखकर में हैरान रह गया। 
 
ग्रामीणों का आरोप है कि मीटर रीडर की मनमानी और विभाग की गड़बड़ियों के चलते बिजली बिलों में भारी गड़बड़ियां हो रही हैं, जो किसान सहित हर आम आदमी के लिए बड़ी समस्या है। बिजली कंपनी किसी भी उपभोक्ता को एवरेज बिल नहीं दे सकती है। इसके बाद भी ग्राहकों को एवरेज बिल देकर ग्राहकों से मनमानी बिल राशि की वसूली की जा रही है।
 
नियम के मुताबिक प्रत्येक मीटर की हर माह रीडिंग कर उसमें दर्ज यूनिट के मुताबिक ही बिल जारी होना चाहिए, लेकिन मीटर वाचक रीडिंग में हेर-फेर कर गरीब और नासमझ किसानों को बिल का डर दिखाकर अवैध वसूली करता है जिससे ग्राहकों के ऊपर अन्य प्रकार का बोझ बढ़ जाता है।
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