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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 (16:31 IST)

Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण के समय करें इन सिद्ध मंत्रों का जाप, संकट होंगे दूर, खुल जाएगा किस्मत का ताला

Eclipse 2025
Chandra grahan 2022 mantra siddhi: साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने जा रहा है, जो ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। चंद्र ग्रहण को एक ऐसी खगोलीय घटना माना जाता है जिसका प्रभाव पृथ्वी और उसके निवासियों पर पड़ता है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना और मंत्रों का जाप करना बेहद लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए और क्यों।

कब लगेगा चंद्र ग्रहण: यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, 2025 को शाम को शुरू होगा। इसका सूतक काल दोपहर में शुरू हो जाएगा, और ग्रहण देर रात 8 सितंबर को 1:26 बजे समाप्त होगा। ज्योतिष के अनुसार, सूतक काल के दौरान और ग्रहण के समय पूजा-पाठ, मूर्ति स्पर्श और शुभ कार्य वर्जित होते हैं। हालांकि, इस समय का उपयोग मंत्रों के जाप और ध्यान के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्यों करें मंत्रों का जाप: ग्रहण काल को एक नकारात्मक ऊर्जा वाला समय माना जाता है। इस दौरान ब्रह्मांड में कुछ ऐसी ऊर्जाएं सक्रिय होती हैं, जिनका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मंत्रों का जाप करने से ये नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं और सकारात्मकता का संचार होता है। इससे आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।

चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप  
1. चंद्र देव का मंत्र: इस समय "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः" या "ॐ सोमाय नमः" जैसे चंद्र-दोष निवारक मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों के जाप से चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होता है और मन शांत रहता है। चंद्र देव की उपासना से संकट दूर होते हैं।
2. महामृत्युंजय मंत्र: ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह मंत्र जीवन में आने वाले संकटों को दूर करता है और व्यक्ति को स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है।
3. भगवान शिव का मंत्र: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप भी ग्रहण काल में बहुत शुभ होता है। भगवान शिव को चंद्रदेव का नियंत्रक माना जाता है, और इस मंत्र का जाप करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
4. हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव टल जाते हैं और भाग्य में सुयोग का उदय होता है।

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