मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. समाचार
  4. 5 big reasons for the defeat of Digvijay Singh in Bhopal

भोपाल से दिग्विजय सिंह की हार के 5 बड़े कारण

भोपाल से दिग्विजय सिंह की हार के 5 बड़े कारण - 5 big reasons for the defeat of Digvijay Singh in Bhopal
भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस बार प्रचंड जीत हासिल हुई है। भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के दिग्गज चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को रिकॉर्ड वोटों से हराया है। दिग्विजय सिंह जिन्होंने भोपाल लोकसभा सीट जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, कुछ खासा कमाल नहीं दिखा पाए। दिग्विजय सिंह की इस बड़ी हार के एक नहीं कई कारण हैं। जानिए उनकी हार के 5 बड़े कारण...

1. मोदी का चेहरा : दिग्विजय सिंह की हार का सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा है। देशभर में भाजपा ने जो ऐतिहासिक जीत हासिल की है, उसके पीछे एक मात्र कारण नरेंद्र मोदी ही हैं। मोदी नाम के तिलिस्म के आगे दिग्गी का हर दांव बेकार गया।

2. बंटाधार छवि पड़ी भारी : भाजपा ने पूरे चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह को सोलह साल पुराने बंटाधार के नारे के सहारे बुरी तरह घेरा। दिग्विजय डेढ़ दशक बाद भी अपनी इस छवि को तोड़ नहीं पाए। जितने बड़े अंतर से दिग्विजय सिंह चुनाव हारे उससे साफ हो गया कि लोगों ने उनको बुरी तरह नकार दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय को बंटाधार बताते हुए उन पर तगड़ा वार किया था।

3. कर्मचारियों की नाराजगी पड़ी भारी : सोलह साल पहले दिग्विजय की मध्यप्रदेश से विदाई का सबसे बड़ा कारण कर्मचारी थे। इस बार भी अगर आंकड़ों को देखा जाए तो दिग्विजय दक्षिण पश्चिम और भोपाल मध्य विधानसभा सीट से हार गए जबकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ये दोनों विधानसभा सीटें जीती थीं।

4. हिंदुत्व का मुद्दा पड़ा भारी : भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव पूरी तरह हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा गया। इसमें दिग्विजय सिंह ने भी अपनी हिंदुत्व वाली छवि बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी साध्वी प्रज्ञा के हिंदुत्व के आगे दिग्विजय का हिंदुत्व रंग फीका ही रह गया और इतनी मेहनत के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाए।

5. जातीय समीकरण फेल : दिग्विजय सिंह पूरे चुनाव के दौरान जातीय समीकरण को साधने की कोशिश करते रहे, लेकिन फिर भी साध्वी को जीत से नहीं रोक सके।
ये भी पढ़ें
आतंकियों ने सीआरपीएफ बंकर पर फेंका ग्रेनेड, सैनिकों ने दिया जवाब