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तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) : पहली क्षेत्रीय पार्टी जो लोकसभा में दूसरी बड़ी पार्टी बनी

टीडीपी का राजनीतिक इतिहास-TDP political history - TDP political history
तेलुगु फिल्मों के सुपर‍ सितारे एनटी रामाराव ने 29 मार्च 1982 को तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा या टीडीपी) की स्थापना की। रामाराव के चमत्कारी व्यक्तित्व का ही नतीजा था कि पार्टी के गठन के बाद 9 महीने के भीतर हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बहुमत हासिल किया और एनटी रामाराव आंध्रप्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्‍यमंत्री बने। 
 
इस पार्टी का जनाधार मुख्‍य रूप से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में है। तेलंगाना आंध्रप्रदेश से ही अलग होकर नया राज्य बना है। एनटीआर के निधन के बाद पार्टी की कमान चंद्रबाबू नायडू के हाथों में आई, जो कि वर्तमान में राज्य के मुख्‍यमंत्री हैं। इतना ही नहीं टीपीडी ऐसी पहली क्षेत्रीय पार्टी थी जो 8वीं लोकसभा (1984) में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। 
अविभाजित आंध्रप्रदेश में लोकसभा की 42 सीटें थीं, लेकिन बंटवारे के बाद आंध्र में 25 लोकसभा सीटें हैं, जबकि तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में टीडीपी एनडीए में शामिल थी और उसके नेता जीएमसी बालयोगी लोकसभा के 12वें अध्यक्ष बने थे। 
 
हालांकि 1984 के बाद टीडीपी 1989 के लोकसभा चुनाव में कुछ नहीं कर पाई और 2 सीटों पर सिमट गई। 1991, 96 और 98 में उसे क्रमश: 13, 16 और 12 लोकसभा सीटें मिली थीं। 1999 में एक बार फिर पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया और वह 29 सीटें जीतने में सफल रही। 16वीं लोकसभा में पार्टी की 16 सीटें हैं। आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से संबंध तोड़ लिए।